1 फरवरी को पेश होगा अंतरिम बजट, 31 जनवरी से 13 फरवरी तक बजट सत्र
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा और वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगे। यह मोदी सरकार के वर्तमान कार्यकाल का अंतिम बजट होगा। कैबिनेट कमेटी और पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) ने बैठक में बजट सेशन की तारीख तय की। यह इस लोकसभा का आखिरी संसद सत्र हो सकता है क्योंकि अप्रैल-मई में आम चुनाव कराए जा सकते हैं।
क्या होता है अंतरिम बजट?
अंतरिम बजट पूरे साल के बजट की तरह ही होता है जिसमें उस वर्ष के सभी खर्चों का ब्योरा पेश किया जाता है। हालांकि चुनाव के साल में अंतरिम बजट में सीमित समय के लिए जरूरी सरकारी खर्च की अनुमति होती है और इसके बाद नई सरकार पूरा बजट पेश करती है।
चुनावी बजट की संभावना
साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए सरकार का यह आखिरी बजट है। साल 2017 से रेल बजट और आम बजट को एक साथ पेश किया जाता है। मोदी सरकार ने रेल बजट और आम बजट को अलग-अलग पेश करने की परंपरा को खत्म कर दिया है। इस बार का अंतरिम बजट चुनावी बजट हो सकता है। मोदी सरकार मिडिल क्लास को लुभाने के लिए इनकम टैक्स लाभ देने की घोषणा कर सकती है।
सैलरीड क्लास को मिल सकता है फायदा
सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय बचत सीमा बढ़ाने, पेंशनर्स के लिए टैक्स लाभ और हाउसिंग लोन के ब्याज पर और अधिक छूट जैसे विकल्प पर भी विचार कर रहा है। इस बार फिर से सैलरीड क्लास को राहत देने की उम्मीद है। इसके अलावा सरकार कस्टम ड्यूटी में भी बदलाव पर विचार कर रही है।
साल 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने यूपीए सरकार का अंतरिम बजट पेश किया था। उसी साल जुलाई में एनडीए की सरकार बनने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूरा बजट पेश किया था।