उपचुनाव मतगणना: तीन लोकसभा सीटों एवं सात विधानसभा सीटों के नतीजे आज, वोटों की गिनती जारी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पांच अन्य राज्यों की तीन लोकसभा और सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 23 जून को हुये मतदान के लिये वोटों की गिनती जारी है। इस उपचुनाव में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा समेत अन्य लोगों का सियासी भविष्य दांव पर है।
वोटों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है।मतगणना के लिये सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गयी है ।
त्रिपुरा में सबसे ज्यादा चार सीटे हैं जहां उपचुनाव में वोट डाले गये हैं । इन सीटों में अगरतला, जुबराजनगर, सूरमा और टाउन बारदोवाली शामिल है । टाउन बारदोवाली से भाग्य आजमा रहे साहा को सीएम बने रहने के लिये यह चुनाव जीतना आवश्यक है । वह राज्यसभा सदस्य हैं जिन्होंने बिप्लव देब के अचानक इस्तीफा देने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पिछले महीने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।
इस पूर्वोत्तर राज्य में गुरुवार को कराये गये मतदान में सबसे ज्यादा 76.62 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है ।
उत्तर प्रदेश के रामपुर और आजमगढ़ एवं पंजाब के संगरूर लोकसभा क्षेत्र में भी उपचुनाव हुआ था और इन सीटों पर भी 23 जून को वोट डाले गये थे ।
जिन अन्य राज्यों में विधानसभा के लिये उपचुनाव हुआ है उनमें राजधानी दिल्ली का राजिंदर नगर, आंध्र प्रदेश का आत्माकुरु और झारखंड के रांची जिले का मंदारसीट शामिल है।
यूपी में दोनो लोकसभा सीटो पर उपचुनाव कराने की आवश्यकता इसलिये हुयी है क्योंकि प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी नेता आजम खान निर्वाचित घोषित किये गये । इसके बाद दोनों नेताओं ने क्रमश: आजमगढ़ और रामपुर से सांसद के तौर पर इस्तीफा दे दिया था।
रामपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने घनश्याम सिंह लोधी को मैदान में उतारा जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुये हैं। जबकि सपा ने आसिम रजा यहां से उतारा है जो आजम खान के पसंदीदा प्रत्याशी हैं । प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती की अगुवाई वाली बसपा ने इस सीट से उम्मीदवार नहीं उतारा है ।
प्रदेश के आजमगढ़ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है, जहां से भाजपा ने प्रसिद्ध भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को चुनावी अखाड़े में उतारा है। निरहुआ का मुकाबला सपा के धर्मेंद्र यादव और बसपा के शाह आलम ऊर्फ गुड्डू जमाली से होगा ।
इधर संगरूर लोकसभा सीट से सांसद भगवंत मान के इस्तीफे की वजह से यहां उपचुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी है । मान इस वर्ष प्रदेश में हुये विधानसभा चुनाव में निर्वाचित घोषित हुये थे, जिन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था ।
मान इस सीट से 2014 और 2019 में सांसद निर्वाचित हुये थे । विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के लिये यह उपचुनाव लोकप्रियता की परीक्षा साबित होगी ।
वहीं यह चुनाव ऐसे वक़्त में हुआ है जब विपक्षी दल प्रदेश की ‘‘बिगड़ी’’ कानून व्यवस्था एवं कांग्रेस नेता तथा गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर सत्तारूढ़ आप पर हमलावर हैं ।
आप इस सीट से संगरूर जिला प्रभारी गुरमेल सिंह को प्रत्याशी बनाया है वहीं मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने धूरी के पूर्व विधायक दलवीर सिंह गोल्डी को टिकट दिया है । भाजपा ने बरनाला के पूर्व विधायक केवल सिंह ढिल्लों को उम्मीदवार बनाया है जो चार जून को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुये हैं ।
पंजाब के पूर्व एवं दिवंगत मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में सजायाफ्ता बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर को संगरूर लोकसभा सीट से शिरोमणि अकाली दल ने अपना उम्मीदवार बनाया है ।
शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान भी इस उपचुनाव में अपना राजनीतिक भाग्य आजमा रहे हैं ।
झारखंड के मंदार विधानसभा सीट की बात करें तो यहां विधायक बंधू तिर्की को अयोग्य घोषित किये जाने के बाद यहां उपचुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी है । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की एक विशेष अदालत ने तिर्की को भ्रष्टाचार के मामले में 28 मार्च को तीन साल के कैद की सजा सुनायी थी ।
कांग्रेस ने इस सीट से तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को मैदान उतारा है । शिल्पी नेहा कांग्रेस-झामुमो की संयुक्त उम्मीदवार हैं । भाजपा ने पूर्व विधायक गंगोत्र कुजूर को चुनाव मैदान में उतारा है ।
झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन में राजद भी एक घटक है ।
निर्दलीय उम्मीदवार देव कुमार धन भी मैदान में हैं जिन्हें असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मस्लिमीन का समर्थन है ।
दिल्ली में राजिंदर नगर विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक और भाजपा के राजेश भाटिया के बीच मुख्य मुकाबला है । भाटिया इलाके से पार्षद हैं । कांग्रेस ने यहां से प्रेमलता को उतारा है ।
राजिंदर नगर के विधायक राघव चड्ढा के त्यागपत्र के बाद यहां उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी है जो राज्यसभा के लिये निर्वाचित हो चुके हैं ।
आंध्र प्रदेश में उद्योगमंत्री एम गौतम रेड्डी के निधन के बाद यहां चुनाव कराने की जरूरत हुयी है । रेड्डी के अनुज विक्रम रेड्डी सत्तारूढ़ वाई एस आर कांग्रेस उम्मीदवार हैं जिनका मुकाबला भाजपा के जी भरत कुमार यादव से है ।