उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव; विपक्ष ने भाजपा पर मिल्कीपुर में चुनाव रोकने का लगाया आरोप
चुनाव आयोग ने मंगलवार को घोषणा की कि अयोध्या जिले के मिल्कीपुर को छोड़कर उत्तर प्रदेश में रिक्त 10 विधानसभा सीटों में से नौ पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। इस पर विपक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। समाजवादी पार्टी ने कहा कि भाजपा मिल्कीपुर में अपनी हार से डर गई है, जिसके कारण उसने विधानसभा सीट पर चुनाव रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई, क्योंकि पहले सीट जीतने वाले उम्मीदवार के खिलाफ उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका लंबित है। जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे, उनमें कटेहरी, करहल, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, सीसामऊ, गाजियाबाद, मझवां और काहिर शामिल हैं। इनमें से आठ विधानसभा सीटें उसके विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ में उपचुनाव सपा विधायक इरफान सोलंकी की अयोग्यता के कारण हो रहा है, जिन्हें आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं, जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और काहिर पर जीत हासिल की थी। मीरापुर सीट रालोद के पास थी।
मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की घोषणा न करने पर सपा ने सवाल उठाया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हिंदी में एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "जिसने युद्ध को टाल दिया, वह समझो युद्ध हार गया।" सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, "जब नौ सीटों पर चुनाव हो रहा है, तो 10वीं सीट मिल्कीपुर पर क्यों नहीं हो सकता। राज्य सरकार ने चुनाव आयोग को क्या रिपोर्ट दी है। यह स्पष्ट किया जाना चाहिए।"
पार्टी नेता मनोज यादव ने कहा कि भाजपा मिल्कीपुर में अपनी हार से डरी हुई है, जिसके चलते उसने इस सीट पर चुनाव रोकने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यादव ने कहा, "मिल्कीपुर उपचुनाव रोकने के लिए भाजपा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे पता चलता है कि वह सपा से डरी हुई है। हमारा इंडिया ब्लॉक प्रदेश में अधिकतम सीटें जीतेगा।"
उपचुनाव के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने पीटीआई से कहा, "फैजाबाद लोकसभा सीट पर हार के बाद भाजपा को अपमान का सामना करना पड़ा। इसीलिए अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर चुनाव की घोषणा नहीं की गई।" जिन नौ सीटों पर उपचुनाव घोषित किए गए हैं, उनके बारे में उन्होंने कहा, "इंडिया ब्लॉक इन सीटों पर जीत हासिल करेगा।" हालांकि, भाजपा ने मिल्कीपुर सीट पर चुनाव आयोग के फैसले का बचाव किया है।
भाजपा प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से जीतने वाले सपा के अवधेश प्रसाद द्वारा दाखिल नामांकन में नोटरी कराने वाले व्यक्ति का लाइसेंस पांच साल पहले निरस्त कर दिया गया था। इसके खिलाफ दो उम्मीदवारों गोरखनाथ और राममूर्ति ने अदालत में याचिका दायर की थी, जिसका अभी तक निपटारा नहीं हुआ है। इसीलिए इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई।''
उत्तर प्रदेश के मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि विपक्ष ने 2022 के चुनाव में यह कहकर लोगों को गुमराह किया था कि भाजपा संविधान बदल देगी, लेकिन अब यह नहीं चलेगा। सिंह ने कहा, ''उपचुनाव में हम सभी सीटों पर जीत हासिल करेंगे।'' सपा प्रमुख यादव के कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद करहल सीट खाली हुई थी, जबकि पार्टी के लालजी वर्मा के अंबेडकर नगर से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद कटेहरी सीट खाली हुई थी। सपा नेता अवधेश प्रसाद के फैजाबाद (अयोध्या) से लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण उन्हें मिल्कीपुर सीट से इस्तीफा देना पड़ा, जबकि सपा नेता जिया उर रहमान बर्क की मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट उनके संभल लोकसभा सीट के लिए चुने जाने के कारण रिक्त हो गई है।