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14 July 2018

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 'एक देश-एक चुनाव' पर उठाए सवाल, कहा- जवाबदेही कम होगी

ANI

लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर सियासी दल आपस में बंटे हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी इस पर जोर देते रहे हैं। एक साथ चुनाव के समर्थन में आवाज बुलंद करने वाली भाजपा ने हालांकि इस प्रस्ताव पर अपनी राय रखने के लिए आयोग से और वक्त मांगा है। पार्टी का कहना है कि मौजूदा आयोग का कार्यकाल अगस्त में समाप्त हो रहा है। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि वह इस मसले पर अपना मन बनाने से पहले विरोधी दलों से विचार-विमर्श करेगी।

अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक देश-एक चुनाव का विरोध किया है। एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘वन नेशन-वन इलेक्शन का समर्थन कर आप खुद कार्यपालिका पर कुछ जवाबदेही डालने की अपनी क्षमता से इनकार कर रहे हैं। कई चुनाव में हार ने प्रधानमंत्री मोदी को पिछले 12 महीनों में किसानों और बेरोजगारों के मुद्दों पर जगाया है।

कई दल पक्ष में तो कई विपक्ष में

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टीआरएस सांसद बी विनोद कुमार ने कहा कि यह भाजपा या प्रधानमंत्री मोदी का एजेंडा नहीं है। विधि आयोग ने बहुत पहले इसकी पहल की थी। पार्टी और इसके प्रमुख चंद्रशेखर राव मानते हैं कि एक साथ चुनाव होने से राज्यों और देश के विकास में मदद मिलेगी। उधर तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डीएमके, तेलगु देशम पार्टी, भाकपा, माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक और जनता दल (एस) ने इसका विरोध किया है।

सपा के प्रतिनिधि राम गोपाल यादव ने इस विचार का समर्थन किया था हालांकि उन्होंने कहा था कि पहला एक साथ चुनाव 2019 में ही लोकसभा के साथ ही होना चाहिए। वहीं, अकाली दल ने कहा इससे चुनावी खर्च तो कम होंगे ही, आचार संहिता का समय भी कम हो जाएगा।

उधर ‘आप’ के आशीष खेतान ने विधि आयोग से कहा कि साथ चुनाव कराना एक ‘चाल’ है। उन्होंने कहा कि यदि साथ चुनाव होते हैं तो प्रधानमंत्री को रैलियों को संबोधित नहीं करना चाहिए। वहीं टीडीपी ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में यह संभव नहीं है। टीएमसी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इससे क्षेत्रीय मुद्दे दब जाएंगे।


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TAGS: one nation one election, jairam ramesh, congress
OUTLOOK 14 July, 2018
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