कैप्टन-सिद्धू की चाय रही फीकी, हैवीवेट मंत्रालयों पर फंसा पेंच
चंडीगढ़,नवजोत सिंह सिद्धू की केबिनेट में वापसी के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह तैयार हैं पर सिद्धू ने उनसे अभी और वक्त मांगते हुए इंतजार करने का कहा है। बुधवार को सिद्धू से अपने फॉर्म हाउस पर करीब 40 मिनट तक चाय पर चर्चा के दौरान सिद्धू की केबिनेट में वापसी पर सहमति तो बनी पर मंत्रालय पर कैप्टन से ठनी इसलिए सिद्धू ने सीएम ने और समय मांगा है। आउटलुक से खास बातचीत में कैप्टन ने कहा कि वे सिद्धू को तुरंत मंत्री पद की शपथ दिलाना चाहते हैं पर इसके लिए सिद्धू ने विचार करने को और समय मांगा है। सूत्रों मुताबिक सिद्धू चाहते हैं कि उन्हें उनका पुराना मंत्रालय लोकल बॉडीज़ सौंपा जाए पर यह मंत्रालय कैप्टन के बेहद करीबी ब्रहम महिंद्रा के पास है। कैप्टन कतई नहीं चाहेंगे कि उनके गृह क्षेत्र पटियाला ग्रामीण लगातार पांच बार के विधायक ब्रहम महिंद्रा से विभाग छीन कर सिद्धू को दिया जाए। बातचीत में कैप्टन ने आउटलुक संवाददाता से ही सवाल कर लिया क्या ब्रहम महिंद्रा अपने मंत्रालय में अच्छा काम नहीं कर रहे? इशारा साफ था कि कैप्टन किसी भी सूरत में सिद्धू को लोकल बॉडीज़ विभाग ब्रहम महिंदरा से छिन कर नहीं देना चाहेंगे।
इससे पहले कैप्टन के साथ 25 नवंबर 2020 को लंच के बाद जहां सिद्धू बेहद उत्साहित थे, वहीं बुधवार की बैठक के बाद सिद्धू ने ट्वीट किया, “आज़ाद रहो विचारों से लेकिन बंधे रहो संस्कारों से ... ताकि आस और विश्वास रहे किरदारों पे। उन्होंने कहा- मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, पार्टी जो भी जिम्मेदारी मुझे सौंपेगी, वह मुझे मंजूर होगी। मैं उसे तहे दिल से निभाऊं”। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान सिद्धू ने अपना पुराना लोकल बॉडीज़ विभाग देने की मांग की है, लेकिन कैप्टन ने उन्हें बिजली विभाग और साथ में कोई अन्य विभाग देने की पेशकश की जिस पर सिद्धू फिर से एकांतवास में चले गए हैं।
2022 के चुनावों के मद्देनजर कैप्टन ने सिद्धू से कहा पार्टी को आपकी सेवाओं की जरूरत है। पार्टी व सरकार आपको विशेष जिम्मेदारी देना चाहती है। 2022 के मद्देनजर कांग्रेस हाईकमान एक बार फिर से पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यधारा में लाना चाहती है। इसके लिए ही सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच मतभेद खत्म कराने की कोशिश की जा रही है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए 17 मार्च को कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू की मुलाकात कराई गई। सिद्धू को मनाने में पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। चुनाव में हार हो या जीत, दोनों में सिद्धू के प्रचार का अहम रोल हो सकता है। क्योंकि पंजाब ही नहीं, देश के अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव में भी नवजोत सिद्धू पार्टी के स्टार प्रचारक हैं।
जुलाई 2019 में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा इसलिए दिया था कि उन पर स्थानीय निकाय विभाग सही से न संभाल पाने का आरोप लगाया था। इस कारण कैप्टन उनसे नाराज हो गए थे। फिर कैप्टन ने मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान सिद्धू से अहम विभाग वापस ले बिजली विभाग दे दिया था। इसके बाद सिद्धू ने पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और वह कांग्रेस की सभी गतिविधियों से दूर हो गए थे।
अक्टूबर 2020 में पंजाब में राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली के दौरान सावर्जनिक रुप से कांग्रेस के मंच पर आए सिद्धू ने करीब सवा साल तक कांग्रेस से दूरी बनाए रखी। कैप्टन व सिद्धू के बीच लंबे समय से कड़वाहट चल रही है। स्थानीय निकाय विभाग छीने जाने पर सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया तो बदलाव क्यों? बाद में यह चर्चा चली कि सिद्ध् उपमुख्यमंत्री का पद चाहते हैं, जिसके लिए कैप्टन तैयार नहीं। इसके बाद सिद्धू राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ नजर आए। सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू ने पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उनके फिर से मुख्यधारा में लौटने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया।
पिछले चार महीने में कैप्टन और सिद्धू की यह दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले 25 नवंबर को भी दोनों ने लंच पर मुलाकात की थी। कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत की सिद्धू से 8 मार्च को मुलाकात हुई थी। तब रावत ने कहा था कि पार्टी हाईकमान के आदेशानुसार विधानसभा चुनाव से पहले सभी को एकजुट करना जरूरी है। इसलिए नवजोत सिंह सिद्धू को दोबारा सरकार व पार्टी में अहम जिम्मेदारी देने के प्रयास जारी हैं। कैप्टन से सिद्धू की 17 मार्च को हुई मुलाकात की रूपरेखा पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने तैयार की।