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14 October 2021

मुख्यमंत्री बघेल ने की नक्सलियों से आरएसएस की तुलना, भाजपा ने किया पलटवार

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना नक्सलियों से कर फिर एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों को दूसरे राज्यों में बैठे उनके वरिष्ठ नेता निर्देशित करते हैं, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ के आरएसएस कार्यकर्ताओं को नागपुर से संचालित किया जा रहा है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर शहर में आरएसएस का मुख्यालय है। वहीं बघेल के इस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कवर्धा हिंसा की निष्पक्ष जांच होगी। उन्होंने कहा, ‘‘ छत्तीसगढ़ में आरएसएस के लोगों का 15 साल तक (भारतीय जनता पार्टी के शासन में) कोई काम नहीं हुआ। वे बंधुआ मजदूर की तरह काम करते रहे, आज इनकी नहीं चलती है। सभी नागपुर से संचालित होते हैं।’’

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘जिस प्रकार नक्सलियों के नेता आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और दूसरे राज्यों में हैं और यहां के लोग सिर्फ गोली चलाने और गोली खाने का काम करते हैं, उसी प्रकार आरएसएस की स्थिति भी यही है। यहां आरएसएस के लोगों का कोई बखत नहीं है, जो कुछ है वह नागपुर से करते हैं।’’

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भूपेश बघेल कबीरधाम जिले के मुख्यालय कवर्धा में इस महीने की पांच तारीख को हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच के लिए राज्य सरकार को राज्यपाल अनुसुइया उइके द्वारा लिखे पत्र के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब इनके (भाजपा के) पास छत्तीसगढ़ में कोई मुद्दा नहीं है। किसानों की बात वह कर नहीं सकते हैं। मजदूरों, आदिवासियों, अनुसूचति जाति के बारे में वह बात नहीं कर सकते हैं। व्यापार और उद्योग के बारे में वह बात नहीं कर सकते हैं। इनकी सिर्फ दो विषय में मास्टरी है। पहला धर्मांतरण और दूसरा सांप्रदायिकता। यह दोनों में ही लड़ाने का काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना काल के कारण बहुत सारे व्यापार अब जाकर खुल रहे हैं। अब ये लोग दंगा भड़काकर क्या इसे इस तरह से बर्बाद करेंगे। यह कतई नहीं होने दिया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी छोटी घटना को हल्के में नहीं लेना है। यह किसी भी घटना को बड़ा बनाना चाहते हैं। यह हर लड़ाई को सांप्रादायिकता का रंग देने की कोशिश करेंगे। उस पर हमें कड़ी निगाह रखनी होगी।

राज्य के सत्ताधारी दल कांग्रेस ने कवर्धा हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में भाजपा सांसद संतोष पांडे और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह समेत कई अन्य पार्टी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

बघेल के इस बयान के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने इसे 'चरमपंथियों की भाषा' कहा है। भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस महात्मा गांधी की विचारधारा से भटक गई है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा है कि जिस प्रकार से राज्य के मुख्यमंत्री संघ और नक्सलवाद की तुलना कर रहे हैं। वह वास्तविक रूप में भूपेश बघेल नहीं बोल रहे हैं बल्कि उनकी वामपंथी विचारधारा बोल रही है। कांग्रेस अपनी मूल विचारधारा से भटक गई है। गांधीवादी विचारधारा से कांग्रेस भटक गई है।

कौशिक ने कहा, ‘‘पूरे हिंदुस्तान में आज कांग्रेस अंतरकलह से जूझ रही है। 70 सीट लेने के बाद भी जिस तरह से छत्तीसगढ़ में अंतरकलह हो रहा है, इसका मूल कारण है कि वह अपने मूल विचारधारा को छोड़कर वामपंथ की तरफ प्रभावित हो रही है।’’

कौशिक ने कहा, ‘‘आज भूपेश बघेल जी को सलाह देना चाहता हूं कि संघ के बारे में बोलना है तो पहले एक बार संघ को पढ़ना चाहिए, संघ स्थान में जाना चाहिए और वहां जाकर संघ के कार्यों को देखना चाहिए। आपके अनुयायी जिस विचारधारा को लेकर आपको बढ़ा रहे हैं उससे कांग्रेस का पतन हो रहा है। वह छत्तीसगढ़ में भी सुनिश्चित है। और जिस प्रकार यह चरमपंथी की भाषा जो बोली जा रही है एक दिन कांग्रेस इसी में डूबेगी।’’

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TAGS: छत्तीसगढ़, भूपेश बघेल, आरएसएस, नक्सल, कांग्रेस, Chhattisgarh, Bhupesh Baghel, RSS, Naxal, Congress
OUTLOOK 14 October, 2021
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