किसान आंदोलन पर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री आमने-सामने, ट्वीट के जरिए एक दूसरे पर साधा निशाना
केंद्र सरकार के खेती से जुड़े कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली चलो का नारा बुलंद करके सड़कों पर उतर आए हैं। पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ हरियाणा बॉर्डर पर उनकी झड़पें भी हुई हैं। हरियाणा ने पंजाब के साथ अपनी सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया है ताकि किसानों को उनके 'दिल्ली चलो' के लिए राज्य में प्रवेश करने से रोका जा सके। हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को पंजाब के किसानों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। एक तरफ किसान और पुलिस आमने सामने है। वहीं, पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री ट्विटर पर एक दूसरे को निशाने पर ले रखा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार पर गुरुवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके खिलाफ "पाशविक बल" का उपयोग "पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक" है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हरियाणा में @mlkhattar सरकार किसानों को दिल्ली जाने से क्यों रोक रही है?
अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को टैग करते हुए ट्वीट किया कि यह बहुत दुख की बात है कि संविधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्हें जाने दीजिए खट्टर जी। उन्हें मत धकेलिए। किसानों को अपनी आवाज शांति से दिल्ली तक पहुंचाने दीजिए।
पलटवार करते हुए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने ट्वीट किया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जी, मैं फिर कह रहा हूं। मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर मिनिमम सपोर्ट प्राइज (एसएसपी) पर कोई परेशानी होगी। किसानों को उकसाना बंद कीजिए। मैं पिछले तीन दिन से आपसे बात करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन दुख की बात है कि आप लगातार उपलब्ध नहीं हैं। इससे पता चलता है कि किसानों के मुद्दों पर आप कितने गंभीर हैं। आप सिर्फ ट्वीट कर रहे हैं। बात करने से भाग जाते हैं।
इसके जवाब में अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया कि आपकी प्रतिक्रिया से मैं शॉक्ड हूं एमएल खट्टर जी। किसानों को एसएसपी पर आश्वस्त होना है, मुझे नहीं। किसानों के दिल्ली जाने से पहले आपको उनसे बात करने की कोशिश करनी चाहिए थी। अगर आपको लगता है कि मैं किसानों को उकसा रहा हूं तो हरियाणा के किसान दिल्ली के लिए क्यों मार्च कर रहे हैं?
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को ही कह दिया था कि उसने केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया है। पुलिस ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़ा करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
किसानों के ट्रैक्टर पर राशन, पानी सहित सभी इंतजाम दिखे। वे ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों पर हरियाणा की सीमाओं के पास एकत्रित होना शुरू हो गये. सर्दी और बारिश के मौसम में हजारों किसानों ने अस्थायी तंबूओं और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रात गुजारी। किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी जाते हुए, उन्हें जहां कहीं भी रोका गया, वे वहीं धरने पर बैठ जायेंगे।
किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली मेट्रो की ट्रेनें गुरुवार को दोपहर दो बजे तक पड़ोसी शहरों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार नहीं करेंगी। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के मुताबिक, इस अवधि में आनंद विहार से वैशाली और न्यू अशोक नगर से नोएडा सिटी सेंटर तक कोई मेट्रो सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। सुल्तानपुर और गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशनों के बीच भी दोपहर दो बजे तक मेट्रो सेवा उपलब्ध नहीं ह।