सीएम अमरिंदर ने 80 की उम्र में 15 किलो वजन घटाया, 10 और घटाने की तैयारी, राहुल -सोनिया को क्या देना चाहते हैं संदेश
बतौर सीएम तीसरी पारी खेलने के लिए पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिदंर सिंह फिट हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव को अपनी आखिरी पारी बताने वाले कैप्टन अब 2022 की तैयारी में जुटे हैं। कोविड के चलते करीब एक साल से चंडीगढ़ के निकट सिसवां स्थित फॉर्म हाउस से सरकार चलाने वाले कैप्टन ने स्वास्थ्य कारणों के चलते जनता से भी दूरी बनाई हुई थी। पर जल्द ही जनता के बीच सक्रिय होने जाने रहे हैं। कांग्रेस के इस ‘हैवीवेट केंडिडेट’ने अपना वजन भी काफी कम कर लिया है। 80 की उम्र में 18 जैसी स्फूर्ति,तंदरुस्ती के लिए कैप्टन ने जुलाई से लेकर अब तक 15 किलो वजन कम कर किया है और जून तक 25 किलो कम करके ही दम लेंगे। आउटलुक से खास बातचीत में कैप्टन ने कहा कि वजन कम करके वे खुद को काफी हल्का महसूस कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने किसी तरह का कड़ा व्यायाम या योग नहीं किया बल्कि दिल्ली की डायटेशियन की सलाह पर अपने खान-पान में बदलाव कर न केवल वजन हल्का करने में सफल रहे बल्कि मधुमेह जैसी बीमारी से भी काफी राहत मिली है।
8 महीनें में 15 किलो वजन हल्का करने वाले कैप्टन 9 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में सब पर भारी पड़ने वाले हैं। पंजाब कांग्रेस में उनका कोई विकल्प नहीं हैं। राहुल,प्रियंका के करीबी होने के दम भरने वाले अति महत्वकांक्षी नवजोत सिंह सिद्धू को भी कैप्टन ने अच्छे से छका दिया है। आखिर घुटने सिद्धू को ही टेकने पड़ रहे हैं कांग्रेस की मुख्यधाारा में शामिल होने के लिए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि 2022 के विधानसभ चुनाव में कैप्टन ही पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री के तौर पर एकमात्र चेहरा होंगे और उनकी अगुवाई में ही चुनाव लड़ा जाएगा। कांग्रेस हाईकमान के इतर जाखड़ के इस बयान को सियासी हल्को में इस तरह से विलय जा रहा है कि पंजाब में कांग्रेस का प्यार्य कैप्टन ही हैं।
कांग्रेस में अपने धुर विरोधियों को भी ठिकाने लगाने की बिसात में सांसद प्रताप बाजवा को भी कैप्टन 2022 के विधानसभा चुनाव मंे उतारने का मन बना चुके हैं। वैसे भी बाजवा का राज्यसभा कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। बाजवा की जगह राज्यसभा की राह सुनील जाखड़ के लिए खोली जा सकती हे। जाखड़ की जगह कैप्टन अपने बेहद करीबी विश्वासपात्र लाल सिंह को कांग्रेस प्रधान की कुर्सी सौंप उनके संगठनात्मक मार्गदर्शन में विधानसभा की 117 सीटों में से कम से कम 80 पर कांग्रेस की जीत पक्की करने की रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस के कैप्टन को उम्मीद है कि आज के दिन उनकी टक्कर में पंजाब में कोई ओर नहीं हैं। हल्के हुए कैप्टन आखिरी सब पर भारी पड़ने को तैयार हैं।