कंपनियों का किया जा रहा है निजीकरण, हड़ताली कर्मचारियों की नहीं सुन रही सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण करने में लगी है जिससे नाराज होकर बैंक, इश्योरेंस कंपनियों तथा अन्य संगठनों के कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी समस्या को सुनने के लिए तैयार नहीं है।
राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को संवद भवन के बाहर पत्रकारों से कहा कि नौ बैंकों की यूनियन एकजुट होकर दो दिन से पूरे देश में हड़ताल पर हैं। बैंकों के 13 लाख कर्मचारी दो दिन से पूरी तरह हड़ताल पर हैं और अब 17 मार्च को जनरल इंशोरेंस कंपनी और 18 मार्च को एलआईसी के कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ हड़ताल करने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं लेकिन सरकार इनके बारे में कुछ भी नहीं सोच रही है और उनकी समस्या को सुलझाने के लिए वह तैयार नहीं है। सरकार का कोई प्रतिनिधि हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से बातचीत करने को आगे नहीं आ रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की संख्या घटा रही है जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है। रेलवे जैसे संगठन में कर्मचारियों की संख्या हर साल कम हो रही है लेकिन खाली पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में नौकरियां किस तरह से घट रही हैं इसका उदाहरण रेलवे है जहां 1991 में कर्मचारियों की संख्या 18 लाख थी लेकिन 2003-04 में यह संख्या 14 लाख 75 हजार रह गयी थी। इसमें और कमी आयी है और आज रेलवे के पास महज 12 लाख 54 हजार कर्मचारी हैं।
उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं, उनकी जगह नयी भर्ती नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि रेलवे में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 18 लाख से घटकर अब 12 लाख 54 हजार रह गयी है यानी कि लगभग छह लाख घट गई है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को पक्की नौकरी और सारी सुविधाएं मिलती रही हैं लेकिन अब इन कर्मचारियों को उन सारी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है।