लद्दाख के लोगों की वैध आकांक्षाओं को जल्द पूरा करने के लिए ठोस प्रयास होने चाहिए: कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने लद्दाख में हाल में हुई हिंसा की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि इस केंद्र शासित प्रदेश के लोगों की पीड़ा से केंद्र सरकार की अंतरात्मा जगनी चाहिए और उनकी वैध आकांक्षाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए ठोस प्रयास किये जाने चाहिए।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि संविधान की छठी अनुसूची से जुड़ी मांगों पर सिर्फ बैठकें होती रही हैं, कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘छह साल पहले जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, तब वहां के लोगों को बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन आज हालात बिल्कुल अलग हैं -लोग गहरी निराशा और मोहभंग की स्थिति में हैं।’ उन्होंने दावा किया कि लद्दाख के लोगों ने देखा है कि उनकी जमीन और रोजगार के अधिकार गंभीर खतरे में हैं तथा स्थानीय प्रशासन और निर्वाचित निकायों पर पूरी तरह उपराज्यपाल और नौकरशाही का नियंत्रण है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘संविधान की छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा और निर्वाचित विधायिका की उनकी उचित मांगों पर सिर्फ बैठकें होती रही हैं, कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ।’
रमेश ने यह दावा भी किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन द्वारा यथास्थिति का एकतरफा उल्लंघन और प्रधानमंत्री द्वारा 19 जून, 2020 को चीन को दी गई क्लीन चिट ने भारी अनिश्चितता पैदा कर दी है।
उन्होंने कहा, ‘लद्दाख भारत के लिए सांस्कृतिक, आर्थिक, पारिस्थितिक और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। लद्दाख के लोग हमेशा से अपने मूल में गौरवान्वित भारतीय रहे हैं। उनकी पीड़ा और वेदना से भारत सरकार की अंतरात्मा जगनी चाहिए। न केवल और अधिक बातचीत के लिए, बल्कि उनकी वैध आकांक्षाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए ठोस और वास्तविक प्रयास होने चाहिए।’’