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24 July 2018

कांग्रेस ने दिया राफेल मामले पर मोदी और सीतारमण के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस

file photo

कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला तेज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा निर्मला सीतारमण पर संसद को गुमराह करने का आरोप वाला विशेषाधिकार हनन नोटिस बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को दिया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, वीरप्पा मोइली, केवी थॉमस, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजीव सातव की ओर से मोदी और सीतारमण के खिलाफ दिए गए अलग-अलग नोटिस में आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री ने 20 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए राफेल सौदे को लेकर लोकसभा को गुमराह करने वाला बयान दिया। साथ ही रक्षा मंत्री ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए इस मामले में सदन को ‘गुमराह किया’।

कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा में कार्यवाही एवं प्रक्रिया के नियम 222 का हवाला देते हुए मोदी और सीतारमण के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया था कि राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत का खुलासा करना राष्ट्रहित के खिलाफ है और इस मांग को दोनों देशों की सरकारों ने इनकार किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आगे यह भी दावा किया था कि भारत और फ्रांस के बीच राफेल विमानों की खरीद के लिए हुआ सौदा पूरी तरह पारदर्शी है, जबकि रक्षा मंत्री ने सदन में उनकी मौजूदगी में 2008 के गोपनीयता संबंधी समझौते का हवाला देते हुए विमान की कीमत बताने से इनकार कर दिया था।

खड़गे ने कहाकि फ्रांस की सरकार ने अपने बयान में उस मांग को खारिज नहीं किया था जो विपक्ष ने की थी और यह मांग राफेल विमान की कीमत बताने की है। प्रधानमंत्री इस बात से पूरी तरह अवगत थे कि 2008 का गोपनीयता संबंधी समझौता खरीद, बिक्री और प्रौद्योगिकी हस्तानांतरण सहित रक्षा सहयोग के संदर्भ में हुआ था। उन्होंने यह भी कहा कि  2008 का समझौता कहीं भी यह नहीं कहता है कि रक्षा सौदे में खरीद की वाणिज्यिक कीमत का खुलासा नहीं किया जा सकता। समझौते का प्रावधान-1 यह स्पष्ट रूप से कहता है कि गोपनीय सूचना एवं सामग्री का तात्पर्य उससे है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में संरक्षित रखने की जरूरत होती है।

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लोकसभा में कांग्रेस नेता ने कहा कि यह राफेल के संदर्भ में नहीं है और यह समझौता कहीं भी इस बात से नहीं रोकता कि संसद को विमान की कीमत बताई जाए। खड़गे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री का पारदर्शिता का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत, असत्य है और यह बात सदन को गुमराह करने की मंशा से बोली गई। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 75(3) के तहत प्रधानमंत्री और उनका मंत्रिमंडल की संसद के जरिए देश की जनता के प्रति सामूहिक जवाबदेही होती है।
रक्षा मंत्री के खिलाफ दिए नोटिस में खड़गे ने रक्षा मंत्री ने उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने 2008 के समझौते का हवाला देते हुए कहा था कि विमान की कीमत नहीं बताई जा सकती। खड़गे ने कहा कि मंत्री ने सदन में जो बात रखी वो पूरी तरह गलत है। उन्होंने न सिर्फ सदन को गुमराह किया, बल्कि पूरे देश को गुमराह किया। मंत्री ने यह जानते हुए भी सदन को गुमराह किया कि सरकार संसद के समक्ष इसका (कीमत का) खुलासा करने को बाध्य है।

गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह दावा किया था कि उन्हें फ्रांस के राष्ट्रपति ने यह बताया है कि विमान की कीमत नहीं बताने के संदर्भ में दोनों देशों के बीच गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ है। इस पर सरकार की तरफ से कहा गया है कि फ्रांसीसी सरकार ने गांधी के इस दावे को खारिज किया है। गांधी ने इस मामले में प्रधानमंत्री पर सवाल खड़े किए थे और आरोप लगाया कि था कि इस सौदे के माध्यम से उन्होंने अपने एक उद्योगपति मित्र को फायदा पहुंचाया है। इसी मामले को लेकर भाजपा सदस्यों ने भी राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

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TAGS: Congress, privilege, notice, Prime Minister, Narendra Modi, Mallikarjun Kharge
OUTLOOK 24 July, 2018
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