राहुल गांधी बोले, सत्ता में आए तो GST का एक ही स्लैब लाएंगे
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 'कर्नाटक मिशन' पर हैं। उन्होंने जीएसटी पर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो जीएसटी के पांच के बजाय एक स्लैब लाएगी और 28 फीसदी वाले स्लैब को खत्म कर देगी।
मैसूर के महारानी कॉलेज में छात्रों से बातचीत के दौरान छात्र अाफरीन ने राहुल से पूछा कि सिंगापुर में स्वास्थ्य की मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं क्यों हैं जबकि वहां जीएसटी का केवल सात फीसदी का एक स्लैब है जबकि भारत में 28 फीसदी का भी स्लैब है। इस पर राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका बेहतर जवाब दे सकते हैं। हालाकि कांग्रेस बहुस्तरीय स्लैब के बजाय एक स्लैब के पक्ष में है क्योंकि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। जीएसटी के मामले में उनकी पार्टी की राय बिल्कुल साफ है।'
राहुल गांधी ने कहा, 'असल में जीएसटी कांग्रेस की ही सोच थी लेकिन हमारा मकसद सिंगापुर की तर्ज पर सात फीसदी का एक स्लैब लाना था यानी केवल एक टैक्स होना चाहिए लेकिन भाजपा सरकार ने पांच स्लैब लागू कर दिए। भाजपा ने 28 फीसदी तक का स्लैब लागू कर दिया। हम पूरी तरह इस स्लैब के खिलाफ हैं। जीएसटी को लेकर हमारा मानना था कि कमजोर तबके द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले उत्पादों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए और फिर सभी के लिए एक टैक्स प्रणाली लागू की जाए। यानी सोच के स्तर पर भाजपा और कांग्रेस के जीएसटी में जमीन आसमान का अंतर है। अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है तो हम 28 फीसदी के स्लैब को खत्म कर देंगे और पूरे देश में एक समान जीएसटी लागू करेंगे। उनका दावा है कि मौजूदा जीएसटी टैक्स प्रणाली भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है या फिर कारोबारियों को चोट पहुंचाती है। अगर आप जीएसटी की पांच लेयर रखते हैं तो फिर यह जीएसीटी नहीं बल्कि गब्बर सिंह टैक्स होगा। इसका मतलब कि आप मनमाने तरीके से वसूली करेंगे और लोगों को ठगेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि विदेशों से काला धन लाने के मामले में सरकार ने कुछ नहीं किया है। सरकार के पास स्विस बैंक खातेधारों की सूची है लेकिन सरकार उसे संसद के पटल पर नहीं रखना चाहती। सरकार विदेश में पांच फीसदी नकद पर फोकस कर रही है जबकि सरकार स्विस बैंक, सोने और अचल संपत्ति पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा, केवल पारदर्शिता से ही भ्रष्टाचार और काले धन को जांचा जा सकता है और कांग्रेस सरकार ने इसके लिए सूचना के अधिकार जैसे कुछ कदम उठाए थे। उन्होंने कहा कि नीरव मोदी जैसे डिफाल्टर्स पारदर्शिता, सशक्तीकरण, पंचायती राज, लोकपाल, और सत्ता के विकेंद्रीकरण के चलते ही सामने आए हैं।