कांग्रेस ने माकपा पर लगाया मतदान प्रतिशत कम करने के लिए चुनावी मशीनरी को कब्जे में लेने का आरोप
केरल की 20 लोकसभा सीट पर मतदान के एक दिन बाद कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य में मतदाताओं को परेशान किया गया और सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने चुनावी मशीनरी को अपने कब्जे में ले लिया ताकि मतदान प्रतिशत कम रहे।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि माकपा द्वारा चुनावी मशीनरी को कथित रूप से अपने कब्जे में लिया जाना 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में इस साल मतदान प्रतिशत कम रहने का एक कारण है।
केरल में अत्यधिक राजनीतिक सरगर्मियों के बावजूद कल रात आठ बजे के आंकड़े के अनुसार मतदान प्रतिशत मात्र 70.22 रहा जो केरल में 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी कम है। राज्य में 2019 में 77.84 प्रतिशत मतदान हुआ था।
वेणुगोपाल ने दावा किया कि राज्य के तीन से पांच प्रतिशत मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) में खामियां थीं जिसके कारण चुनाव प्रक्रिया में काफी देरी हुई। उन्होंने कहा कि इससे मतदाताओं को असुविधा हुई और उन्हें भीषण गर्मी में घंटों लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि ईवीएम में गड़बड़ी के मामले 90 प्रतिशत उन बूथ में हुए जहां संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) मजबूत था। उन्होंने कहा, ‘‘ मतदाताओं को परेशानी हुई क्योंकि उन बूथ पर पीने के पानी, बैठने या रोशनी की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जहां लोगों को ईवीएम में गड़बड़ी के कारण वोट देने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।’’
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘मतदान प्रतिशत कम करने के उद्देश्य से माकपा ने चुनावी मशीनरी पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया था।’’ उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ वाम दल के ऐसे कथित कदमों के बावजूद यूडीएफ के पक्ष में लहर और राज्य एवं केंद्र सरकारों के खिलाफ सत्ता विरोधी भावना यह सुनिश्चित करेगी कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) केरल में कोई भी सीट नहीं जीत सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में मतदान प्रक्रिया की समीक्षा करेगी और परिणाम के आधार पर अपेक्षित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।