‘आप’ का रुख अड़ियल, दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेगी कांग्रेस: पी सी चाको
लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अपनी-अपनी शर्तों पर अड़ी हुई हैं। कांग्रेस जहां सिर्फ दिल्ली में गठबंधन चाह रही है वहीं, आम आदमी पार्टी 33 लोकसभा सीटों पर एक साथ लड़ने की बात कह रही है। इस बीच कांग्रेस ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह दिल्ली में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। हालांकि कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह अभी भी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने को तैयार है, बशर्ते कि टाई-अप केवल राष्ट्रीय राजधानी के लिए हो।
हम अब भी गठबंधन के लिए तैयार
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली के कांग्रेस प्रभारी पी सी चाको ने कहा कि कांग्रेस दिल्ली में अकेले उतरेगी क्योंकि आप ने "अव्यावहारिक रुख" अपनाया है। हालांकि उन्होंने कहा, "हम अभी भी (गठबंधन के लिए) तैयार हैं यदि आप अकेले दिल्ली में ही गठबंधन करने के लिए राजी है। हम भाजपा के खिलाफ मिलकर लड़ना चाहते हैं।"
कांग्रेस के साथ गठबंधन के रास्ते बंद?
आप ने बुधवार को दिल्ली में टाई-अप के लिए कांग्रेस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन के सभी रास्ते बंद हो गए हैं। कांग्रेस आप के साथ दिल्ली में गठबंधन के लिए उत्सुक थी। बदले में, आप हरियाणा और पंजाब के लिए भी इस तरह का गठबंधन चाहती थी।
दिल्ली और हरियाणा में सीट बंटवारे को लेकर समझौते में विफल होने के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत पटरी से उतर गई।
‘भाजपा और कांग्रेस को हराने में ‘आप’ सक्षम’
आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने कहा कि ‘आप’ दिल्ली में भाजपा और कांग्रेस दोनों को हराने में सक्षम है और कांग्रेस के साथ गठबंधन तभी संभव है जब यह 33 लोकसभा सीटों पर किया जाएगा।
राय ने कहा, "हम कांग्रेस के साथ सभी 33 सीटों पर गठबंधन चाहते हैं केवल दिल्ली में तीन सीटों पर नहीं। हम दिल्ली में अपने दम पर भाजपा और कांग्रेस को हराने में सक्षम हैं। यदि गठबंधन होना है, तो उसे 33 सीटों पर होना चाहिए।