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02 September 2023

कांग्रेस ने ‘आदित्य एल1’ के प्रक्षेपण को शानदार उपलब्धि बताया, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का जिक्र किया

कांग्रेस ने शनिवार को ‘आदित्य एल1’ मिशन को देश के लिए शानदार उपलब्धि करार दिया और इसकी ऐतिहासिक परिष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि परियोजना को साल 2009 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मंजूरी मिली थी।

सूर्य मिशन से संबंधित उपग्रह ‘आदित्य एल1’ को शनिवार पूर्वाह्न 11.50 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया किया गया। इस उपग्रह को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, "आज आदित्य एल 1 का प्रक्षेपण‌ इसरो और भारत के लिए एक और शानदार उपलब्धि है। इसरो को एक बार फिर सलाम करते हुए, इसकी निरंतरता को समझने के लिए आदित्य एल1 की हाल की टाइमलाइन को याद करना सही होगा।"

उन्होंने कहा, "2006 में 'एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया' और 'इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज' के वैज्ञानिकों ने एक उपकरण के साथ सौर वेधशाला के कंसेप्ट का प्रस्ताव रखा। मार्च 2008 में वैज्ञानिकों ने इसरो के साथ इस प्रस्ताव को साझा किया।"

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रमेश के अनुसार, "दिसंबर 2009 में इसरो ने एक उपकरण के साथ आदित्य-1 परियोजना को मंजूरी दी। अप्रैल 2013 में पूर्व अध्यक्ष यूआर राव के हस्तक्षेप के बाद इसरो ने एक अवसर के बारे में घोषणा की, जिसमें वैज्ञानिक समुदाय से अधिक वैज्ञानिक उपकरणों (पेलोड) के प्रस्तावों की मांग की गई थी।"

उन्होंने कहा, "जून 2013 : इसरो ने प्राप्त वैज्ञानिक प्रस्तावों की समीक्षा की। जुलाई 2013 में इसरो ने आदित्य-1 मिशन के लिए सात पेलोड का चयन किया। इस मिशन का अब नाम बदलकर आदित्य एल1 मिशन कर दिया गया है। नवंबर 2015 में इसरो ने औपचारिक रूप से आदित्य-एल 1 को मंजूरी दी।"

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TAGS: Congress, launch of 'Aditya L1', great achievement, historical background.
OUTLOOK 02 September, 2023
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