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19 August 2015

कांग्रेस ने राज्यसभा संबंधी बयान पर जेटली को घेरा

पीटीआइ

वरिष्ठ पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, वित्त मंत्री को बयान वापस लेना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए। हम किसी भी हालात में संविधान और भारतीय संसद को पुन: परिभाषित नहीं करने देंगे।

जेटली ने कल मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि इस बारे में चर्चा करने का समय आ गया है कि क्या परोक्ष रूप से निर्वाचित सदन (राज्यसभा) प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित लोकसभा द्वारा मंजूर सुधारों को रोक सकता है। ललित मोदी विवाद और व्यापमं घोटाले के मुद्दों को लेकर विपक्ष के विरोध के कारण लगभग पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गए संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा में जीएसटी विधेयक पारित नहीं हो सका। इस संदर्भ में वित्त मंत्री ने कहा था, परोक्ष रूप से निर्वाचित सदन किस हद तक प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित सदन, जो कि जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है, द्वारा पारित सुधार संबंधी प्रस्तावों को रोक सकता है।

राज्यसभा को प्रथम सदन बताते हुए शर्मा ने कहा कि जेटली को समझना चाहिए कि वह केवल सदस्य नहीं हैं बल्कि सदन के नेता भी हैं। उन्होंने कहा, सरकार का इरादा विपक्ष के साथ टकराव का है। उसे संवैधानिक प्रक्रियाओं और विधायी प्रक्रियाओं के प्रति कोई सम्मान नहीं है। संसद में अवरोध के मुद्दे पर भाजपा द्वारा कांग्रेस की आलोचना को खारिज करते हुए शर्मा ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को विपक्ष में रहते हुए संसदीय अवरोधों में वैश्विक नेता होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने विधेयकों को धन विधेयकों में तब्दील करने के कदम को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार दिया। धन विधेयकों को राज्यसभा में पारित कराने की जरूरत नहीं होती। राज्यसभा में राजग को बहुमत प्राप्त नहीं है।

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TAGS: अरुण जेटली, राज्यसभा, लोकसभा, टिप्पणी, कांग्रेस, आनंद शर्मा
OUTLOOK 19 August, 2015
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