कांग्रेस ने अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की, कहा- सेना में नियमित भर्ती हो
कांग्रेस ने सोमवार को अग्निपथ योजना को समाप्त करने की मांग की और सरकार से सशस्त्र बलों में पहले की तरह स्थायी भर्ती शुरू करने का आग्रह किया। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि सेना के आंतरिक सर्वेक्षण में अग्निपथ योजना से जुड़ी कई खामियां सामने आ रही हैं और कई तरह के सुझाव सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि विभिन्न समाचार पत्रों ने प्रकाशित किया है कि भर्ती योजना में कमियों को कैसे दूर किया जा सकता है। हुड्डा ने कहा कि कुछ बातें सामने आई हैं, जिनमें अग्निपथ की अवधि को चार साल बढ़ाना और अग्निपथ में 25 प्रतिशत की जगह 60-70 प्रतिशत अग्निवीरों को बनाए रखना और अग्निवीरों की प्रशिक्षण अवधि बढ़ाना शामिल है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हम हमेशा से कहते रहे हैं कि अग्निपथ योजना युवाओं और देश के हित में नहीं है। इसलिए हमारी मांग है कि इस योजना को खत्म किया जाए और सेना में स्थायी भर्ती शुरू की जाए।" हुड्डा ने कहा कि सेना की आंतरिक रिपोर्ट में कुछ बातें सामने आई हैं, जिसमें कहा गया है कि अग्निवीर योजना के कारण सेना का मनोबल, आपसी भाईचारा और एक-दूसरे के लिए मर-मिटने की भावना में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि यह भी आशंका है कि अग्निवीरों को प्रशिक्षित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है और अग्निवीर योजना के कारण सेना में भर्ती में कमी आई है, जिससे 2035 तक सेना में भारी कमी आ जाएगी। कांग्रेस नेता ने कहा, "कांग्रेस पार्टी अग्निवीर योजना को खारिज करती है और सरकार से मांग करती है कि सेना में पहले की तरह स्थायी भर्ती शुरू की जाए।" रोहतक संसदीय सीट से निर्वाचित हुड्डा ने कहा, "चुनाव नतीजों से यह भी पता चलता है कि देश की जनता ने इस योजना को खारिज कर दिया है।" उन्होंने कहा कि पहले हरियाणा में हर साल करीब 5500 युवा सेना में स्थाई भर्ती पाते थे, लेकिन अब सिर्फ 900 अग्निवीरों को ही लिया जा रहा है, जिनमें से करीब 225 अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा तथा बाकी घर वापस लौट जाएंगे।