बगावती पत्र को लेकर यूपी कांग्रेस जिला इकाई का जितिन प्रसाद पर निशाना, सिब्बल ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
कांग्रेस में पत्र विवाद के बाद पार्टी की अंदरुनी कलह खुलकर सामने आई थी और कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में इसपर मंथन भी हुआ। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को निशाना बनाया जा रहा है। दरअसल पार्टी नेतृत्व में अमूलचूल परिवर्तन के लिए कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को लिखे इस पत्र में जिन 23 नेताओं के हस्ताक्षर थे, उनमें एक नाम जितिन प्रसाद का भी था। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अब उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इस मांग को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, 'दुर्भाग्यपूर्ण है कि जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश में आधिकारिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस को अपनी ही पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने में एनर्जी समाप्त करने के बजाय बीजेपी पर सर्जिकल स्ट्राइक की तरह टारगेट करने की जरुरत है।' चिट्ठी पर जिन लोगों के हस्ताक्षर थे, उनमें से एक कपिल सिब्बल भी हैं। यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके मनीष तिवारी ने कपिल सिब्बल के ट्वीट पर एक शब्द लिखा- प्रेसिएंट (भविष्य ज्ञानी)। बता दें कि चिट्ठी लिखने वालों में मनीष तिवारी का भी नाम है।
गौरतलब है कि कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस की लखीमपुर खीरी इकाई ने सोनिया गांधी को नामित करते हुए एक प्रस्ताव रखा है। उन्होंने जितिन प्रसाद पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चिट्ठी लिखने वाले सभी नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। प्रस्ताव में लिखा है, 'पत्र पर दस्तखत करने वाले उत्तर प्रदेश के जितिन प्रसाद एकमात्र व्यक्ति हैं। उनका पारिवारिक इतिहास गांधी परिवार के विरुद्ध रहा है और उनके पिता स्वर्गीय जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर इसे साबित किया था। इसके बाद भी सोनिया गांधी ने जितिन प्रसाद को लोकसभा का टिकट दिया और मंत्री बनाया।' पत्र में लिखा है, 'उन्होंने जो किया वह घोर अनुशासनहीनता है और जिला कांग्रेस कमेटी उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई चाहती है और उनके कार्यों की निंदा करती है।'