कांग्रेस ने भाजपा को जिताने के लिए दिल्ली चुनाव लड़ा, करोड़ों रुपये खर्च किए: आप
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ मिलीभगत की और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए बिना कोई जमीनी अभियान चलाए करोड़ों रुपये बहा दिए।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने आप के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें मनगढ़ंत और निराधार बताया।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आप की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शहर कांग्रेस नेतृत्व के खुलासे से इस बात की पुष्टि हुई है, जिसका उनकी पार्टी को लंबे समय से संदेह था कि कांग्रेस ने इस साल के शुरू में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि भाजपा को जिताने में मदद करने के लिए लड़ा था।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने आप के हर वरिष्ठ नेता को निशाना बनाया, करीब 46 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें 44 करोड़ रुपये नकद भी शामिल थे, और फिर भी अपना खाता खोलने में विफल रही।
उन्होंने आगे कहा, "आम तौर पर लोग अनुमान लगाते हैं कि एक पार्टी दूसरी पार्टी का समर्थन कर रही है। लेकिन इस बार यह स्वीकार किया गया है कि कांग्रेस ने जानबूझकर दिल्ली में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम किया। कांग्रेस के बुद्धिजीवी समर्थकों को भी पूछना चाहिए कि उनकी पार्टी क्या कर रही है।"
भारद्वाज ने आगे दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेस आलाकमान ने अपनी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठकों के दौरान इस निर्णय को मंजूरी दी। आप नेता ने कहा, ‘‘कांग्रेस दिल्ली में पहले से ही शून्य पर थी और करोड़ों खर्च करने के बाद भी वह शून्य पर ही बनी रही।’’
भारद्वाज ने कहा कि आप ने चुनावों पर 14 करोड़ रुपये और भाजपा ने 57 करोड़ रुपये खर्च किये। उन्होंने आरोप लगाया, "जब आप को चेक के माध्यम से एक करोड़ रुपये मिले तो प्रधानमंत्री ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया। लेकिन जब कांग्रेस ने 44 करोड़ रुपये नकद एकत्र किए तो पूरी तरह से चुप्पी साध ली गई।" उन्होंने जांच की मांग की।
भारद्वाज ने आरोप लगाया कि जिस तरह भाजपा ने क्षेत्रीय दलों का सहारा लेकर सत्ता हासिल की, उसी तरह कांग्रेस भी सोचती है कि वह क्षेत्रीय दलों को कुचलकर सत्ता हासिल कर सकती है।
उन्होंने कहा, "बिहार में मतदाता, कैडर और झंडाबरदार तेजस्वी यादव के हैं, लेकिन राहुल गांधी के लिए मुफ्त मार्केटिंग की जा रही है। ज़मीन पर, कांग्रेस के पास कोई कैडर नहीं है, कोई पोलिंग एजेंट नहीं है, फिर भी नारा लगाया जा रहा है 'राहुल गांधी ज़िंदाबाद'।"
आप नेता मनीष सिसोदिया और आतिशी ने भी कांग्रेस पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया और कहा कि दोनों पार्टियां सार्वजनिक रूप से लड़ने का नाटक करते हुए पर्दे के पीछे दोस्ती बनाए रखती हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने कहा कि उनकी पार्टी ने हर सीट पर मजबूती से विधानसभा चुनाव लड़ा और पिछली आप सरकार तथा भाजपा नीत नगर निगम की विफलताओं को उजागर किया।
उन्होंने एक बयान में कहा, "आप अपनी स्थापना के बाद से ही झूठ और नकारात्मकता की राजनीति करती आ रही है। आप को कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "देश का हर नागरिक जानता है कि कांग्रेस की भाजपा के साथ वैचारिक लड़ाई है। कोई भी कांग्रेस पर चुनावों में भाजपा की मदद करने का आरोप नहीं लगा सकता और अगर कोई ऐसा करता है तो यह उसकी संकीर्ण मानसिकता को ही दर्शाता है।"
भारद्वाज ने आगे आरोप लगाया कि यह आप ही थी जिसने गोवा, उत्तराखंड, गुजरात और हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में उम्मीदवार उतारकर भाजपा की मदद की, जिसका एकमात्र उद्देश्य कांग्रेस के वोट काटना था।
5 फरवरी को हुए विधानसभा चुनावों में, भाजपा 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौटी और उसने 70 में से 48 सीटें जीतीं। आप को 22 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।