किसान आंदोलन का सियासी फायदा कांग्रेस को, पंजाब के स्थानीय निकाय चुनाव में बड़ी जीत
चंडीगढ़, पंजाब के स्थानीय निकाय चुनाव में आठों नगर निगमों पर अप्रत्याशित जीत से कांंग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भी ऐसी ही जीत का संकेत दे दिया है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानांे की नाराजगी सियासी तौर पर कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हुई है जबकि भाजपा को बड़ा झटका लगा है। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों के चुनावों में कांग्रेस की एकतरफा जीत किसान आंदोलन और शिरोमणी अकाली दल के बीजेपी से अलग होने के बाद हुए किसी चुनाव के पहले नतीजे हैं। केंद्र के कृषि कानूनों के प्रति भारी नाराजगी ने पंजाब में भाजपा को सिरे से खारिज कर दिया है वहीं शिरोमणी अकाली दल को भी अपने गढ़ मालवा में करारी हार का सामना करना पड़ा है। किसान आंदोलन के समर्थन में उतरी अकाली दल इस समर्थन काे स्थानीय निकाय चुनाव में नहीं भुना पाई।
कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानांे में भारी नाराजगी को शहरी इलाकों में भी भारी समर्थन है तभी 8 नगर निगमों के 400 वाडों मंे से कांग्रेस ने 318 वार्ड पर जीत दर्ज कर साबित कर दिया है कि कांग्रेस को किसानों का समर्थन सियासी तौर पर फायदेमंद है। केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में केंद्रीय मंत्रीमंडल से हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा और एनडीए से किनारा भी शिरोमणी अकाली दल की चुनावी नैया काे पार नहीं लगा पाया। नगर निगम के 33 वार्ड पर सिमटे शिरोमणी अकाली दल के गढ़ मालवा में भी करारी हार ने शिअद को संकेत दे दिया है कि 2022 के विधानसभा चुनाव की राह भी उसके लिए आसान नहीं है। किसानांे की नाराजगी ने भाजपा को नगर निगमों के 20 वार्ड तक ही समेट दिया जबकि आम आदमी पार्टी के हिस्से 9 वार्ड रहे।
नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव नतीजों में शिअद से बेहतर प्रदर्शन तो निर्दलीय उम्मीदवारांे का रहा है। 109 नगर परिषदों व नगर पंचायतों के 1815 वार्ड मंे से 1199 पर कांग्रेस,289 पर शिअद की जीत रही है जबकि 374 वार्ड पर निर्दलीयों की जीत ने शिअद,भाजपा व आम आदमी पार्टी के िसयासी अस्त्वि पर सवाल खड़ा किया है। आम आदमी पार्टी 51 और भाजपा 29 सीटों पर सिमट गई है। मई 2019 मंे हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के गढ़ गुरदासपुर के सांसद सन्नी देयाेल का स्टारडम स्थानीय निकाय चुनाव मंे बुरी तरह से धूमिल हुआ है। केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश के संसदीय क्षेत्र हाेशियारपुर में भी भाजपा को भारी हार का सामना करना पड़ा। कृषि कानूनांे पर किसानांे से बातचीत के लिए 12 दौर की बेनतीजा बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तौमर और केंद्रीय रेल एंव वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ राज्यमंत्री सोमप्रकाश भी शामिल रहे।
अप्रत्याशित जीत से उत्साहित पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ का कहना है ‘केंद्र के कृषि कानूनों के प्रति पंजाब के लोगों मंे भारी गुस्से ने भाजपा को उसकी सियासी औकात बता दी है। कांग्रेस के विकास कार्याें की बदोलत यही नतीजे 2022 के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेंगे’। पंजाब भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा का कहना है कि सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर कांग्रेस ने जबरन जीत दर्ज लोकतंत्र की हत्या की है। शिअद के प्रवक्ता डा.दलजीत सिंह चीमा के मुताबिक चार साल से सत्ता में कांग्रेस ने पंजाब के लोगांे से छल किया है और स्थानीय निकाय चुनाव बाहुबलियों और धन के बल पर जीते हैं। आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष भगवंत मान का कहना है कि पंजाब की कांग्रेस को केंद्र की भाजपा की भाजपा का समर्थन है पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत खराब होने वाली है।