येदियुरप्पा की ताजपोशी के खिलाफ विधानसभा के सामने कांग्रेस नेताओं का धरना
कर्नाटक में हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। वो तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। येदियुरप्पा के शपथ लेने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने राजभवन के बाहर खुशियां मनाई। लेकिन कांग्रेस इस शपथ ग्रहण का जोरदार विरोध कर रही है।
कांग्रेस नेताओं ने राज्य सचिवालय , विधान सौध ( विधानसभा ) के समक्ष गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के अलावा गुलाम नबी आजाद , अशोक गहलोत , मल्लिकार्जुन खड़गे , कांग्रेस के कर्नाटक के प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रतिमा के सामने बैठकर विरोध जताया।
शहर के बाहरी इलाके में एक रिजॉर्ट में रह रहे नव निर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
जेडीएस के विधायक और नेता भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
पत्रकारों से बातचीत में सिद्धरमैया ने येद्दियुरप्पा को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय देने के राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले को ‘‘ अभूतपूर्व ’’ बताया।
उन्होंने कहा कि अब येद्दियुरप्पा को उन विधायकों की सूची तैयार करनी होगी जिनका समर्थन उन्हें प्राप्त है।
येद्दियुरप्पा ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में समर्थकों के जबरदस्त उत्साह के बीच आज पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
इससे पहले उच्चतम न्यायलय ने रातभर चली दुर्लभ सुनवायी के बाद येद्दियुरप्पा के कनार्टक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
देर रात दो बजकर 11 मिनट से आज सुबह पांच बजकर 28 मिनट तक चली सुनवाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया न्यायालय के समक्ष लंबित इस मामले के अंतिम फैसले के दायरे में होगा ।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति एस के बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की एक विशेष पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए कल सुबह की तारीख तय की और भाजपा द्वारा कर्नाटक के राज्यपाल को दिये गए विधायकों के समर्थन वाला पत्र पेश करने का आदेश दिया ।