क्या अमरिंदर पर सिद्धू पड़ गए भारी, राहुल-प्रियंका मिलने पर हुए मजबूर
पंजाब कांग्रेस में सुलह की हर कोशिश के बीच राहुल व प्रियंका गांधी आज विधायक नवजोत सिंह सिद्धू से मिल रहे हैं। सीएम कैप्टन अमरिदंर सिंह से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले सिद्धू ने आलाकमान पर इतना दबाव बनाया हुआ है कि वह कैप्टन से बात न करके सिद्धू को साधने पर लगा है। पिछले हफ्ते दो दिन तक दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात के लिए इंतजार करते रहे कैप्टन को बगैर मिले ही वापस चंडीगढ़ लौटना पड़ा वहीं सिद्धू को दिल्ली बुलाकर राहुल गांधी व प्रियंका मंगलवार को मुलाकात कर रहे हैं।
कैप्टन के प्रति खुली बगावत पर उतरे सिद्धू को गांधी परिवार के भाई- बहन अपनी मां सोनिया गांधी से भी आगे बढ़कर सिद्धू के साथ इसलिए खड़े हैं कि कैप्टन के समांतर पंजाब कांग्रेस में एक शक्ति के रुप में सिद्धू को उभारा जा सके। इधर सिद्धू ने भी कैप्टन के समांतर पंजाब कांग्रेस में उभरने के लिए यह दाव चला है जो राहुल,प्रियंका पर काम कर रहा है। सिद्धू ने ही मीडिया में ऐसी खबरे चलवाई कि 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में वह आम आदमी पार्टी(आप) का मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर आप में शामिल हो सकते हैं। इधर हफ्ता पहले अमृतसर के दौरे पर आए आप के राष्ट्रीय संयोजक एंव दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी संकेत दिया कि पंजाब में आप का मुख्यमंत्री चेहरा कोई सिख ही होगा। केजरीवाल के इस संकेत ने सिद्धू की कांग्रेस पर दबाव की रणनीति को और हवा दी जिससे सिद्धू को जल्द ही पंजाब में कैप्टन अमरिंदर के समांतर कोई अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।
इधर कैप्टन के समांतर शक्ति प्रदर्शन के लिए सिद्धू अपना निवार्चन क्षेत्र अमृतसर छोड़ पिछले 6 महीने से पटियाला में डटे हुए हैं। निवार्चन क्षेत्र से गायब रहने पर सिद्धू की गुमशुदगी के पोस्टर अमृतसर में लगे हैं पर सिद्धू अपनी तमाम गतिविधियां सीएम के गृह क्षेत्र पटियाला पर केंद्रित किए हुए हैं। हालांकि सिद्धू का घर पर भी पटियाला में हैं पर इससे पहले सियासी तौर पर वह पटियाला में कभी भी सक्रिय नहीं रहे। कैप्टन के प्रति खुली बगावत जगजाहिर करने के लिए सिद्धू ने अपने समर्थकों से शाही शहर पटियाला में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के होर्डिंग्स के साथ अपने होर्डिंग लगवा साफ संदेश दिया है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में वह कैप्टन के खिलाफ पटियाला से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। सिद्धू की इन हरकतों पर कैप्टन कह चुके हैं कि पंजाब को सीएम बनने सपना पाले बैठे सिद्धू कांग्रेस से बाहर होने के बाद ही पटियाला से उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।
कांग्रेस आलाकमान सिद्धू को पंजाब में कैप्टन के समांतर खड़ा करता है तो कैप्टन की अगुवाई में कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा एक अगल पार्टी के तौर पर भी सामने आ सकता है क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के प्रति देशभर में विपरित धारा के प्रति पंजाब में बहुमत से भी आगे रिकॉर्ड जीत कैप्टन के दम पर ही थी। पंजाब मंे कैप्टन ही कांग्रेस है,कोई बड़ा चेहरा विकल्प के तौर पर अभी तक नहीं उभर पाया है इसलिए गांधी परिवार के भाई बहन की जोड़ी सिद्धू को आगे बढ़ा रही है।