Advertisement
27 August 2022

आजाद के इस्तीफे के बाद बोले मनीष तिवारी, 'हंसी आती है जब चपरासी कांग्रेस के बारे में ज्ञान देते हैं'

ट्विटर/एएनआई

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को सोनिया गांधी के नाम पांच पन्नों की चिट्ठी लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस सियासी घटना के बाद राज्यसभा सांसद मनीष तिवारी ने अपनी पार्टी को फिर एकबार नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि जी-23 ने जो कांग्रेस सुप्रीमो को पार्टी की स्थिति को लेकर चिट्ठी लिखी थी, अगर उसपर ध्यान दिया गया होता तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती। साथ ही अपनी स्थिति साफ करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस पार्टी का किरायेदार नहीं, बल्कि सदस्य हूं।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि वह आजाद के पांच पन्नों के पत्र के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि वह समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे। कांग्रेस नेताओं के चपरासी जब पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं तो यह हंसी का पात्र होता है..। 

 

Advertisement

मनीष तिवारी ने कहा कि दो वर्ष पहले हम 23 लोगों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस की परिस्थिति चिंताजनक है जिसपर विचार करने की ज़रूरत है... कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह ख़ैरात में नहीं मिला है।

गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि हमें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। मैंने इस पार्टी को 42 साल दिए हैं। मैं यह पहले भी कह चुका हूं, "हम इस संस्था (कांग्रेस) के किरायेदार नहीं हैं, हम सदस्य हैं"। अब अगर आप हमें बाहर धकेलने की कोशिश करते हैं, तो यह दूसरी बात है और यह देखा जाएगा।

मनीष तिवारी ने कहा कि उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज़्बाती, खुददार लोग होते हैं। पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के ख़िलाफ़ लड़ने की रही है। किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।

वहीं, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनके लिए कांग्रेस में किसी चीज़ की कमी नहीं थी। आज जब उनको लगा कि उनको कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा के लिए टिकट नहीं मिलेगी तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। लोगों को ऐसे अवसरवादी नेताओं के बारे में जानना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में लाखों लोग कोविड से मर रहे थे तब मोदी जी ने किसी के लिए खेद तक व्यक्त नहीं किया लेकिन जिस दिन गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा में आखिरी दिन था वह उनके लिए रोने लगे। उनका रोना एक नौटंकी था। गुलाम नबी के लिए रोने की कोई वजह नहीं थी।

 
 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Congress MP Manish Tewari
OUTLOOK 27 August, 2022
Advertisement