Advertisement
29 August 2022

कांग्रेस को दुआ, नहीं दवा की जरूरत, इलाज ‘कम्पाउंडर’ कर रहे हैं: आजाद

कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को अपने पुराने दल और उसके नेतृत्व पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि ‘बीमार’ कांग्रेस को दुआ नहीं, दवा की जरूरत है, लेकिन उसका इलाज ‘कम्पाउंडर कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले होने के कांग्रेस के आरोप पर भी उन्होंने पलटवार किया और राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि जो संसद में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले, वह मोदी के साथ मिले या नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की नींव कमजोर हो गई है और वह कभी भी बिखर सकती है।

आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक चुनाव के नाम पर धोखा दे रहा है। उन्होंने राहुल गांधी पर ‘‘अपरिपक्व और बचकाने’’ व्यवहार का आरोप भी लगाया था।

Advertisement

कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उन पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया था और कहा था कि उनका ‘डीनएनए मोदी-मय’ हो गया है।

आजाद ने सोमवार को कहा कि ‘जी 23’ की ओर से अगस्त, 2020 में पत्र लिखे जाने के कारण वह कांग्रेस नेतृत्व और उसके करीबी लोगों की आंखों खटकने लगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी-वोदी सब बहाना है। इनकी आंखों में हम खटकते हैं क्योंकि हमने पत्र लिखा। इनको लगता है कि इन्हें कोई चुनौती नहीं दे सकता...पत्र लिखने के बाद से मैं इन्हें खटक रहा था।’’

‘डीएनए मोदी-मय’ होने के कांग्रेस के आरोप को लेकर आजाद ने राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी से वह लोग मिले हुए हैं जो उनका सपना पूरा करने में उनकी मदद कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ कहा था। इसमें जो लोग उनकी मदद कर रहे हैं वह नरेंद्र मोदी से मिले हुए हैं। जो संसद में भाषण देकर उनसे गले मिलते हैं और कहते हैं हमारा दिल साफ है, वह मिले हैं कि नहीं?’’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पहले वह अपने डीएनए की जांच कराएं। वह तो पहले फ्रीलांसर थे। वह बताएं कि पहले किस सरकार के कर्मचारी थे। वह हमारी पार्टी में नहीं थे। पहले वह अपनी जांच कराएं कि उनका डीएनए किस पार्टी का हैं।’’

आजाद ने कहा, ‘‘सबसे ज्यादा अफसोस की बात यह है कि जो बाहरी हैं, जो चापलूसी करते हैं, उन्हें पद मिले हैं।’’

कांग्रेस को ‘बीमार’ करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो दुआ ही कर सकता हूं। मेरी दुआ से तो कांग्रेस ठीक नहीं हो सकती। उसके लिए दवा चाहिए। उसके लिए जो डॉक्टर हैं वह असल में डॉक्टर नहीं बल्कि कम्पाउंडर हैं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, ‘‘जब चुनाव होता है, उसके लिए सदस्यता अभियान होता है। यह पुराने समय से चला आ रहा है..अब क्या हो रहा है कि वोटर लिस्ट से लोगों के नाम लिए जाते हैं और उनके पैसे भर दिए जाते हैं। यह नकली सदस्यता अभियान है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर कागज की इमारत बनाओगे तो वह हवा से गिर जाएगी या आग से जल जाएगी। ऐसे चुनाव करने से क्या फायदा होगा....यह सब फर्जी है।’’

आजाद ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘बैंक लुट गया तो महाप्रबंधक बदलने से क्या होगा? कांग्रेस की हालत यह है कि पार्टी के भीतर कांग्रेसजन कोई है नहीं, सब दूसरे दलों में भाग गए हैं।’’

ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव और कई अन्य युवा नेताओं के कांग्रेस छोड़ने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सबसे ज्यादा ‘राहुल टीम’ के लोग भागे हैं। हम तो इंदिरा गांधी के टीम से हैं।’’

इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि राज्यसभा नहीं मिलने पर उन्होंने विरोधी रुख अपनाया, तो आजाद ने कहा, ‘‘जब हमने पत्र (अगस्त, 2020) लिखा था तो उस वक्त मैं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष था और मेरा कार्यकाल एक साल बचा हुआ था। अगर मुझे खुश करना होता तो क्या मैं यह करता....? मैंने तो पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि मुझे कुछ नहीं चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि वह फिलहाल जम्मू-कश्मीर के स्तर पर पार्टी का गठन करेंगे।

आजाद का कहना था, ‘‘हमें संदेश आ रहे हैं कि राष्ट्रीय पार्टी बनाओ। हमने कांग्रेस पार्टी छोड़ी, लेकिन विचारधारा तो नहीं छोड़ी...मुझे लगता है कि कांग्रेस में कुछ होने वाला नहीं है। कांग्रेस हर दिन डूबती जा रही है। लोग इतने परेशान हैं कि वे विकल्प ढूंढ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में चुनाव तो कभी भी हो सकता है। वहां दौरा करूंगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘अभी तो सगाई कर रहे हैं, अभी बच्चों का नाम नहीं पूछो।’’

भाजपा के साथ गठबंधन की संभावना से जुड़े सवाल पर आजाद ने कहा, ‘‘कांग्रेस में अनपढ़ों की जमात है। जिसे जम्मू-कश्मीर में एबीसी मालूम है वह भी जानता है कि मैं भाजपा के जनाधार वाले क्षेत्र में एक वोट नहीं बढ़ा सकता और मेरे क्षेत्र में भाजपा एक वोट नहीं बढ़ा सकती।’’

उन्होंने कहा कि अपने त्यागपत्र में जिन बातों का उल्लेख उन्होंने किया है वह समुद्र की एक बूंद भर है।

राज्यसभा में उनकी विदाई के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के भावुक होने को लेकर कई कांग्रेस नेताओं के कटाक्ष को लेकर भी आजाद ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो मोदी जी को निर्मम आदमी समझता था। सोचता था कि उन्होंने शादी नहीं की और उनके बच्चे नहीं हैं तो उन्हें कोई परवाह नहीं है। लेकिन कम से कम उन्होंने इंसानियत तो दिखाई।’’

आजाद के अनुसार, राज्यसभा में मोदी और उन्होंने आंसू एक दूसरे के लिए नहीं, बल्कि कई वर्ष पूर्व जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकी घटना से जुड़े विषय को लेकर बहाए थे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Congress, former Congress leader Ghulam Nabi Azad, compounders
OUTLOOK 29 August, 2022
Advertisement