कांग्रेस ने दिल्ली सरकार और केंद्र के ‘काले कारनामों’ के खिलाफ श्वेत पत्र जारी किया
कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले बुधवार को आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के ‘काले कारनामों’ के खिलाफ एक ‘श्वेत पत्र’ जारी किया और आरोप लगाया कि दिल्ली की दुर्दशा के लिए दोनों पार्टियां जिम्मेदार हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ‘मौका-मौका, हर बार धोखा’ शीर्षक से श्वेत पत्र जारी किया। पार्टी ने इसमें दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार की कथित वादाखिलाफी का उल्लेख किया है।
यह श्वेत पत्र जारी करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि यह श्वेत पत्र दिल्ली और केंद्र सरकार के ‘काले कारनामों’ के बारे में है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगाती रहती हैं, जबकि परेशान जनता होती है, जो इन दोनों के बीच फंसी है। ‘
माकन ने आरोप लगाया कि इन दोनों सरकारों ने बीते कई वर्षों में दिल्ली को नफरत का बाजार बना दिया है। उन्होंने दावा किया, ‘यहां बेटियां सुरक्षित नहीं हैं और दिल्ली को बनाने वाले लोगों के सम्मान से लगातार समझौता किया गया है।’
माकन का कहना था,’ कोरोना काल के समय लोगों को अपने परिजनों के शव के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ा, दिल्ली में ऑक्सीजन, आईसीयू की कमी थी। उस समय दिल्ली सरकार अस्पताल बनाने के बजाय ‘शीशमहल’ बनाने में पैसे खर्च कर रही थी, वहीं भाजपा की सरकार सेंट्रल विस्टा बना रही थी।’
उन्होंने दावा किया, ‘आज दिल्ली के अंदर बुजुर्गों को पेंशन पाने में दिक्कत आती है। नए राशन कार्ड बनने बंद हो गए हैं। जो पुराने हैं, उन्हें खत्म किया जा रहा है। यह दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या है।‘
माकन ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ‘फर्जीवाल’ हैं और अपनी घोषणाओं से दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, ‘दिल्ली में पिछले 11 साल से आम आदमी पार्टी की सरकार है और केंद्र में 2014 से भाजपा की सरकार है। दिल्ली की जनता ने बहुत उम्मीद के साथ इन दोनों सरकारों को चुना था, लेकिन उन्हें इन वर्षों में झूठे वादों के साथ सिर्फ धोखा मिला।’
उनका कहना था, ‘दिल्ली में 15 साल कांग्रेस की सरकार रही। उस समय दिल्ली ने नए आयाम गढ़े। चाहे विकास हो या सामाजिक क्षेत्र.. हमारी सरकार ने गरीब, महिला, युवा समेत हर वर्ग के लिए काम किए।‘ दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव संभावित हैं।