'कांग्रेस-राजद ने बर्बाद की शिक्षा व्यवस्था...', बिहार चुनाव से पहले पीएम मोदी का हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार में शिक्षा व्यवस्था की 'बर्बाद' स्थिति के लिए कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की आलोचना की और कहा कि यही कारण है कि लोग दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में कौशल दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि बिहार में कांग्रेस-राजद शासन के दौरान न तो स्कूल खोले गए और न ही कोई भर्तियां हुईं।
उन्होंने कहा, "आज की पीढ़ी को शायद अंदाज़ा नहीं होगा कि ढाई दशक पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था कितनी बदहाल थी। स्कूल नहीं खुलते थे, न ही भर्तियाँ होती थीं। कौन माता-पिता नहीं चाहेगा कि उसका बच्चा यहाँ पढ़े और आगे बढ़े? लेकिन मजबूरी में लाखों बच्चे बिहार छोड़कर वाराणसी, दिल्ली और मुंबई जाने को मजबूर हुए। यहीं से पलायन की असली शुरुआत हुई।"
उन्होंने राज्य में शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार की सराहना की।
उन्होंने कहा, "सौभाग्य से बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को सरकार की जिम्मेदारी सौंपी और हम सब इस बात के गवाह हैं कि कैसे एनडीए की पूरी टीम ने मिलकर बिगड़ी हुई व्यवस्था को पटरी पर लाया।"
प्रधानमंत्री मोदी ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की युवा-केंद्रित पहलों का शुभारंभ किया।
बिहार में जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय के उद्घाटन सहित 62,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि आज के कौशल दीक्षांत समारोह में बिहार को एक नया कौशल विश्वविद्यालय मिला है। नीतीश कुमार की सरकार ने इस विश्वविद्यालय का नाम भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के नाम पर रखा है।"
प्रधानमंत्री ने राजद-कांग्रेस शासन की तुलना में 10 लाख स्थायी सरकारी नौकरियां पैदा करने और शिक्षा बजट बढ़ाने के लिए बिहार सरकार की सराहना की।
पीएम मोदी ने कहा, "बीते दो दशकों में बिहार सरकार ने 50 लाख युवाओं को बिहार में रोज़गार से जोड़ा है। पिछले कुछ वर्षों में ही बिहार के युवाओं को लगभग 10 लाख स्थायी सरकारी नौकरियां दी गई हैं।"
उन्होंने कहा, "बिहार के युवाओं की क्षमता को और निखारने के लिए एनडीए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। राजद-कांग्रेस शासन की तुलना में बिहार का शिक्षा बजट कई गुना बढ़ाया गया है। आज बिहार के लगभग हर गांव में एक स्कूल है। चाहे वह इंजीनियरिंग कॉलेज हों या मेडिकल कॉलेज, उनकी संख्या भी कई गुना बढ़ गई है।"
उन्होंने कहा, "एक समय था जब बिहार में खेलों से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्तर का बुनियादी ढांचा भी नहीं था। आज बिहार में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन हो रहे हैं।"
इसके अलावा, पीएम मोदी ने कहा कि युवाओं ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के कार्यान्वयन के बाद चल रहे 'जीएसटी बचत उत्सव' के बीच धनतेरस के अवसर पर दोपहिया वाहन खरीदने की योजना बनाई है।
उन्होंने कहा, "इस समय देश में 'जीएसटी बचत उत्सव' चल रहा है। किसी ने मुझे बताया कि बिहार के युवा बाइक और स्कूटर पर जीएसटी कम होने से बहुत खुश हैं। युवाओं ने इस धनतेरस पर इन्हें खरीदने की योजना भी बनाई है। मैं बिहार और देश के युवाओं को उनकी ज़रूरत की अधिकांश चीज़ों पर GST में कमी के लिए भी हार्दिक बधाई देता हूँ।”
प्रधानमंत्री ने कहा, "2014 से पहले भारत को एक नाजुक अर्थव्यवस्था माना जाता था, यानी विकास दर कम थी। रोजगार भी बहुत कम था। आज भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की ओर अग्रसर है।"
इससे पहले आज प्रधानमंत्री मोदी ने उन्नत आईटीआई के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल एवं रोजगार परिवर्तन (पीएम-सेतु) का शुभारंभ किया, जो 60,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की संशोधित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का शुभारंभ किया, जिसके तहत हर साल लगभग पांच लाख स्नातक युवाओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ दो साल तक 1,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।
उन्होंने पुनर्निर्धारित बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का भी शुभारंभ किया, जिसके तहत 4 लाख रुपये तक का पूरी तरह से ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उच्च शिक्षा का वित्तीय बोझ काफी कम होगा। इस योजना के तहत 3.92 लाख से ज़्यादा छात्र अब तक 7,880 करोड़ रुपये से ज़्यादा का ऋण प्राप्त कर चुके हैं।