चुनाव नतीजों से पहले इस मुस्लिम नेता के 18 उम्मीदवार छुपाए गए, भाजपा से खतरे का डर
कांग्रेस ने असम चुनावों के खत्म होते ही अपने गठबंधन ‘महाजोत’ के कम से कम 18 उम्मीदवारों को राजस्थान की राजधानी जयपुर शिफ्ट कर दिया है। राजस्थान में इस वक्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई वाली कांग्रेस की सरकार है। दरअसल, कांग्रेस को इस बात का भय है कि 2 मई को मतगणना से पहले पार्टी के जीत दर्ज करने वाले संभावित नेताओं को भारतीय जनता पार्टी प्रलोभन दे सकती है।
कांग्रेस को लगता है कि असम चुनाव में भाजपा इस बार बहुमत के आंकड़ों से पीछे रह सकती है और पार्टी की नजर उनके गठबंधन वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के उन नेताओं पर है जिनके जीतने की संभावना है। क्योंकि, बीपीएफ का एक उम्मीदवार चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हो गये थे और चुनाव से खुद को अलग कर लिया था।
इसमें असम के मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता हिमंता बिस्वा सरमा को माना जा रहा है, जिन्हें लेकर कांग्रेस में सेंध लगने का डर है। सरमा ने 126 सदस्यों वाली विधानसभा में से सौ सीटों को जीतने की संभावना व्यक्त की थी लेकिन चुनाव बाद उन्होंने 84 सीटें मिलने की बात कही है। हालांकि, यदि दावों के मुताबिक भाजपा को सीटें मिल जाती है तो सरकार में फिर से वापसी हो जाएगी। लेकिन, कांग्रेस का अनुमान है कि वो भाजपा से ज्यादा सीटें लेकर आएगी और करीब दोनों दलों के बीच 6 सीटों से कम का अंतर हो सकता है जो इस खेल को बिगाड़ सकता है।
कांग्रेस अपनी पुरानी असफलताओं से सीख लेने की कोशिश में जुटी हुई है। दरअसल, सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद मणिपुर और गोवा में पार्टी सरकार बनाने से चूक गई थी। न्यूज एजेंसी के सूत्रों ने कहा है कि एआईयूडीएफ के कई उम्मीदवारों के साथ भाजपा नेता सरमा के अच्छे तालमेल हैं।