कांग्रेस को शिवसेना (यूबीटी) के दबाव में नहीं आना चाहिए: संजय निरुपम ने मुंबई में लोकसभा सीटों पर कहा
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) द्वारा 17 उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी को मुंबई में सीटों के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के दबाव में नहीं आना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) कांग्रेस के समर्थन के बिना एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है।
इस सप्ताह की शुरुआत में शिवसेना (यूबीटी) ने 17 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी और कहा था कि वह महाराष्ट्र में कुल 22 संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इनमें से चार सीटें मुंबई में हैं।
निरुपम को खुद मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ने की उम्मीद है जहां उन्हें 2019 में हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी के इस कदम से महा विकास आघाडी (एमवीए) के दो घटक दलों कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) में नाराजगी है। तीनों दलों ने महाराष्ट्र में 19 अप्रैल से शुरू हो रहे पांच चरणों के मतदान के लिए अभी तक लोकसभा सीटों का बंटवारा नहीं किया है।
निरुपम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कांग्रेस को शिवसेना (यूबीटी) के दबाव में नहीं आना चाहिए क्योंकि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी कांग्रेस के समर्थन के बिना एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है।’’
कांग्रेस की मुंबई इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘शिवसेना (यूबीटी) मुंबई में छह में से पांच सीटें लेने के लिए कांग्रेस पर दबाव बना रही है। लेकिन कांग्रेस को इस तरह के दबाव में नहीं आना चाहिए। यह कांग्रेस के खिलाफ है और यह शहर में पार्टी को खत्म करने की साजिश है।’’
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस विवादित निर्वाचन क्षेत्रों में दोस्ताना मुकाबले पर विचार कर रही है तो वह इसके लिए तैयार हैं।
वह कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के नेता नसीम खान के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि कि शिवसेना (यूबीटी) के एकपक्षीय तरीके से उम्मीदवारों की घोषणा करने से उनके पार्टी कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए हैं इसलिए प्रदेश इकाई छह लोकसभा क्षेत्रों में ‘दोस्ताना मुकाबला’ करना चाहती है।
निरुपम ने कहा, ‘‘कांग्रेस को सांगली, मुंबई उत्तर-पश्चिम, मुंबई दक्षिण-मध्य और भिवंडी में दोस्ताना मुकाबले पर विचार करना चाहिए।’’
उन्होंने पार्टी नेतृत्व को एक सप्ताह का वक्त देने का अपना रुख दोहराया जिसके बाद वह अपने भविष्य के कदम (मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ने) पर फैसला लेंगे।