देश के करोड़ों लोगों के निजी डेटा की चोरी को लेकर कांग्रेस ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण, कहा- यह निजता और सुरक्षा पर हमला
कांग्रेस ने करीब 67 करोड़ व्यक्तियों और संगठनों के निजी डेटा की चोरी को लेकर रविवार को सरकार से स्पष्टीकरण मांगा और कहा कि यह भारतीयों की निजता और सुरक्षा पर हमला है।
कांग्रेस का यह बयान साइबराबाद पुलिस द्वारा शनिवार को उस व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने के बाद आया है, जो 24 राज्यों और आठ महानगरों से संबंधित 66.9 करोड़ व्यक्तियों और संगठनों के व्यक्तिगत और गोपनीय डेटा को चोरी करने, रखने और बेचने में कथित रूप से शामिल था।
मामले पर एक मीडिया रिपोर्ट को टैग करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, "भारत के 67 करोड़ लोगों की व्यक्तिगत जानकारी कैसे और क्यों चोरी हुई? सेना का डेटा किसने और कैसे चुराया?" रमेश ने कहा, "यह भारतीयों की निजता और सुरक्षा पर हमला है और यह हमें अस्वीकार्य है। सरकार को इस मामले पर तुरंत स्पष्टीकरण देना चाहिए।"
पुलिस की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आरोपी विनय भारद्वाज के पास एजु-टेक संगठनों के छात्रों का डेटा है और जीएसटी, विभिन्न राज्यों के सड़क परिवहन संगठनों, प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टल,सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और फिनटेक कंपनियां जैसे प्रमुख संगठनों के उपभोक्ता / ग्राहक डेटा भी रखता है। शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए आरोपी को 104 श्रेणियों में रखे गए लगभग 66.9 करोड़ व्यक्तियों और संगठनों के व्यक्तिगत और गोपनीय डेटा बेचते हुए पाया गया।
आरोपियों के पास मौजूद कुछ महत्वपूर्ण डेटा में रक्षा कर्मियों, सरकारी कर्मचारियों, पैन कार्ड धारकों का डेटा, 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं, डी-मैट खाताधारकों, विभिन्न व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों एनईईटी छात्रों, उच्च निवल व्यक्तियों, बीमा धारकों, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड धारकों के बीच का डेटा शामिल था।