भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस, हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च से होगा शुरू
चंडीगढ़,केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा के बदले सियासी माहौल में भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार को अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ सकता है। 5 मार्च से शुरु होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से कर रही है। संभवत 8 मार्च को सरकार के खिलाफ विधानसभा में कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। सत्र की शुरुआत से एक घंटा पहले अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष को दिया जा सकता है। विपक्ष से अविश्वास प्रस्ताव मिलने पर अध्यक्ष पहले उस पर अध्ययन करेंगे और इसके बाद वे सत्र में शामिल सभी विधायकों को इसके बारे में सूचित करेंगे। नियमों के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव तभी दाखिल होगा जब कम से कम 18 विधायक इसके समर्थन में होंगे। विधानसभा में कांग्रेस के 30 विधायक है तो इस बात की पूरी संभावना है कि कांग्रेस द्वारा मौजूदा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल करने की मंजूरी विधानसभा अध्यक्ष को देनी पड़ सकती है।
अविश्वास प्रस्ताव दाखिल होने पर विधानसभा अध्यक्ष वोटिंग की तारीख तय करेंगे। 90 सदस्यों वाली विधानसभा में वर्तमान में 88 विधायक हैं जिसमें कालका और एलनाबाद सीटें हाल ही में खाली हुई हैं। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला के किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा देने से एलनाबाद सीट हाल ही में खाली हुई है वहीं कालका से कांग्रेस के प्रदीप चौधरी की सदस्यता रद्द होने से कालका सीट खाली है।
भाजपा के 40 और जजपा के 10 विधायक मिलाकर 7 निर्दलीयों में से पांच का समर्थन गठबंधन सरकार को है। महम से विधायक बलराज कुंडू व दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान पहले ही भाजपा से समर्थन वापस ले चुके हैं। अन्य निर्दलीयों में रानियां विधायक रणजीत सिंह,पुंडरी विधायक रणधीर सिंह गोलन,नीलोखेड़ी विधायक धर्मपाल गोंदर,बादशाहपुर विधायक राकेश दौलताबाद व पृथला विधायक नयनपाल रावत सरकार के साथ हैं। सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्ष के नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस विधायकांे की कई दौर की बैठेकें कर चुके हैं। कांग्रेस के इस कदम की काट के लिए ईडी द्वारा हुड्डा पर प्लॉट आंवटन घोटाले के आरोप की जांच तेज करने का दबाव बढ़ाया गया है।