बिहार: भाजपा और जदयू नेता में तकरार, नीतीश पर अध्यक्ष ने उठाए थे सवाल
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते 18 अप्रैल को प्रदेश में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया तो भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इस निर्णय पर सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि बिहार में नाइट लाइफ नहीं है, ऐसे में रात के 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू से कोरोना कैसे रुकेगा, इसे समझने में मैं असमर्थ हूं।
न्यूज़ 18 के मुताबिक भाजपा नेता के इस बयान के बाद तो जैसे एक के बाद एक जेडीयू के नेता लगातार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को उनके बयान पर घेरते हुए नसीहत दे रहे हैं। सबसे खास बात यह कि अब तक जिन नेताओं ने भाजपा नेता को उनके बयान पर कोसा है, वे सभी मुख्यमंत्री नीतीश के करीबी माने जाते हैं।
जेडीयू के सांसद राजेश रंजन उर्फ ललन सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश का बेहद खास माना जाता है। गुरुवार को उन्होंने साफ कहा कि बिहार में लॉकडाउन की मांग करने वाले नेता अखबारी हैं और केवल सुर्खियों में रहने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। नीतीश कुमार खुद हर बात पर नजर रख रहे हैं और उसकी लगातार समीक्षा भी कर रहे हैं। यदि जरूरत होगी तो लॉकडाउन भी लगाया जाएगा, मगर अभी बिहार में ऐसी स्थिति नहीं है। जाहिर है उनका निशाना सीधे भाजपा अध्यक्ष ही थे।
वहीं, जदयू के मंत्री संजय झा ने भी निशाना साधा और इशारे में भाजपा नेताओं को सलाह दे डाली। उन्होंने ट्वीट में लिखा, कोविड-19 के संबंध में शिकायत, सुझाव और परामर्श के लिए बिहार सरकार का हेल्पलाइन नंबर 1070 डायल करें। मिलकर संग कोरोना से जीतेंगे जंग। जाहिर है उनका भी निशाना संजय जायसवाल ही रहे। इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश के खास माने जाने वाले जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी ट्वीट कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को नसीहत दी कि 'यह राजनीति का वक्त नहीं है।'
हालांकि भाजपा भी इस पर चुप नहीं बैठी है। अपने अध्यक्ष के बचाव में बिहार सरकार के मंत्री व भाजपा नेता सम्राट चौधरी उतर आए हैं। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह अभी नया मुसलमान हैं... ज्यादा प्याज खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी और जेडीयू बिहार में सहयोगी दल हैं। हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने जनहित में कोई सवाल उठाया है। ऐसे में जेडीयू को इस प्रकार की प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए।