पंजाब कांग्रेस में बढ़ा विवाद, सिद्धू-परगट पर कैप्टन के मंत्रियों का पलटवार, कहा- दूसरी पार्टी में चले जाएं
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व कांग्रेसी विधायक एंव पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कुछ समय से चल रही तनातनी के चलते पंजाब कांग्रेस में तनाव का माहौल है। 2015-16 में शिरोमणि अकाली दल एंव भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब एंव अन्य धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं के आरोपियों को कांग्रेस सरकार के सवा चार साल के कार्यकाल में सजा न दिलाए जाने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को निशाने पर लेने वाले नवजाेत सिद्धू के साथ विधायक परगट सिंह ने भी कैप्टन के खिलाफ मौर्चा खोला है। सिद्धू,परगट के साथ कादियां से कांग्रेसी विधायक फतेह बाजवा ने भी बेअदबी मामलों के आरोपियों को सजा न मिलने के मामले पर अपनी ही सरकार को घरेते हुए कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेेस किस मुंह से जनता को जवाब देगी कि गुरु ग्र्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालांे को सजा क्यों नहीं दिला पाई।
बेअदबी की घटनाओं पर पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा एसआईटी की रिपोर्ट खारिज किए जाने से कैप्टन सरकार की किरकिरी पर हालांकि ज्यादातर मंत्री व विधायक कैप्टन के साथ हें पर नैितकता की दुहाई देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ और सहकारिता मंत्री सुखविंदर रंधावा के इस्तीफे ठुकरा कैप्टन ने संकट के समय कांग्रेस में एकजुटता का संदेश दिया है। बेअदबी के मामले से इतर कैप्टन के कई मंत्रियों ने बागी सिद्धू को निशाने पर लिया है। कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने कहा कि कांग्रेस की सरकार सही नहीं तो सिद्धू किसी दूसरी पार्टी में चले जाएं। कैप्टन अमरिंदर बेअदबी के अपराधियों को सजा दिलवाने के लिए काम कर रहे हैं। सिद्धू काे बॉस बनने का अगर इतना ही ज्यादा शौक है तो अपनी पार्टी बनाकर हुक्म चलाएं। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए जो बॉस है, उसकी सभी को इज्जत करनी पड़ेगी। उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने भी कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू का बार-बार मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलना उनकी पार्टी के प्रति अनुशासनहीनता को दर्शाता है। कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने सिद्धू पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी परिवार की तरह होती है। हम राजनीति में हैं और हमें अपनी पार्टी को परिवार की तरह समझना चाहिए। राजस्व मंत्री सरकारिया ने कहा कि सिद्धू को सिर्फ पद का लालच है। उन्हें पार्टी और मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है।
इधर बेअदबी के मामलों पर सरकार व पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के एसआईटी की रिपोर्ट खारिज करने के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है। गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा भले ही वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ही क्यों न हों।