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02 November 2019

व्हाट्सएप हैकिंग की माकपा ने की निंदा, कहा- यह निजता का उल्लंघन

file photo

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने देश के 40 पत्रकारों, वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के व्हाट्सएप को इजरायली जासूसी संस्था द्वारा हैक किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यह लोगों की निजता और आजादी का उल्लंघन है। माकपा ने कहा है कि इस मामले पर सरकार सफाई दे। साथ ही आपराधिक जांच के  आदेश और डाटा संरक्षण कानून बनाने की मांग  की है ताकि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो सके।

पार्टी के पोलित ब्यूरो ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा है कि इजरायल की पेगासस स्पाईवेयर कंपनी ने दुनियाभर के करीब 14 सौ से ज्यादा लोगों के फोन और व्हाट्सएप संदेशों की जासूसी की जबकि व्हाट्सएप संदेश सीक्रेट रखे जाते हैं। बिना मंजूरी के किसी भी व्यक्ति के फोन वगैरा हैक करने उसके बुनियादी अधिकारों और निजता का उल्लंघन है। यह बात सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है।

संदेह की सुई सरकार पर

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बयान मे कहा गया है कि इजरायली संस्था ने कहा है कि व्हाट्सएप की जानकारी उसने हैक नहीं की है बल्कि वह केवल इस तरह का सॉफ्टवेयर बेचती है जिससे डाटा हैक किए जा सकते हैं। इससे संदेह की सुई सरकार पर है कि उसने इस सॉफ्टवेयर से वकीलों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के डाटा हैक किए हैं।

क्यों नहीं की एफआईआर दर्ज

पोलित ब्यूरो का कहना है कि इस पूरे मामले की सत्यता की जांच की जाए क्योंकि गृह मंत्रालय ने कहा है कि उसने यह सॉफ्टवेयर नहीं खरीदा है लेकिन सरकार को यह भी बताना चाहिए कि इस सॉफ्टवेयर को एनटीआरओ, सीबीआई या रॉ ने नहीं खरीदा है। अगर सरकार ने सॉफ्टवेयर नहीं खरीदा तो उसने डाटा लीक होने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आपराधिक जांच क्यों शुरु नहीं कराई। पार्टी ने डाटा सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने की भी मांग की ताकि संदेश हैक न किये जा सकें।

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TAGS: CPI(M), strongly, condemns, hacking, phones, activists, lawyers journalists
OUTLOOK 02 November, 2019
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