राजगपालाचारी के परपोते सीआर केसवन ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, बताया- क्यों छोड़ी पार्टी
भारत के पहले गवर्नर-जनरल सी राजगपालाचारी के परपोते सीआर केसवन ने गुरुवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे गए अपने इस्तीफे में केसवन ने लिखा, वह दो दशक से पार्टी के लिए निष्ठापूर्वक काम कर रहे थे लेकिन उनको इसका कोई उचित प्रतिफल मिलता नहीं दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, मैं अब विवेक पूर्वक पार्टी के विचारों के साथ और सहमत नहीं हो पा रहा हूं, यही वजह है कि मैंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठनात्मक जिम्मेदारी निभाने से इंकार कर दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में सीआर केसवन ने अपने इस्तीफे की कई वजहें गिनाईं हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के विचारों का पूरी ईमानदारी से समर्थन नहीं कर पा रहे हैं इसलिए ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर दी जा रही जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं किया।
CR Kesavan, great grandson of India's first Indian Governor-General, C Rajagopalachari, resigns from Congress party pic.twitter.com/lIBLc0odkY
— ANI (@ANI) February 23, 2023
साथ ही उन्होंने कहा कि इसी वजह से वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भी दूर रहे। उन्होंने आगे कहा, यह मेरे लिए एक नया रास्ता तय करने का समय है, इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मैंने तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप से भी अपना इस्तीफा उपयुक्त प्राधिकारी को सौंप दिया है।
कांग्रेस से इस्तीफे के बाद दूसरी पार्टी को ज्वाईन करने की अटकलों को केसवन ने खारिज कर दिया। केसवन ने कहा कि उन्होंने इसलिए इस्तीफा नहीं दिया है कि वह कोई नई पार्टी ज्वाईन करने जा रहे हैं बल्कि वह खुद नहीं जानते कि आगे वह क्या करने जा रहे हैं।
वहीं, न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान सीआर केसवन ने कहा कि सीआर केसवन ने कांग्रेस पार्टी से अपने इस्तीफे को लेकर कहा कि मैं पिछले 22 वर्षों से कांग्रेस पार्टी का सदस्य हूं, लेकिन दुर्भाग्य से समय के साथ मुझे लगता है कि कांग्रेस में रवैया और दृष्टिकोण न तो रचनात्मक था और न ही ठोस। जिन मूल्यों के लिए मैंने काम किया, वे बदल गए थे।
अपने इस्तीफे पर सीआर केसवन ने कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा, यह निराशाजनक है। मैंने महसूस किया कि मेरा राजनीति करने का तरीका पार्टी के अनुरूप नहीं है, इसलिए मैं 'भारत जोड़ो यात्रा' में भी शामिल नहीं हुआ। मुझे लगा कि अब मैं यहां का नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि जब द्रौपदी मुर्मू जी के नामांकन की घोषणा की गई, तो पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यसमिति सदस्य ने कहा कि वह एक बुरे दर्शन का प्रतिनिधित्व करती हैं, पार्टी के एक अन्य सदस्य ने कहा कि किसी भी देश को ऐसा राष्ट्रपति नहीं मिलना चाहिए।