Advertisement
22 February 2020

कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- गोपनीयता के नाम पर कर्जमाफी साजिश

File Photo

कांग्रेस ने केंद्र सरकार को देश की बैंकिंग अव्यवस्था के लिए दोषी ठहराया है और कर्जमाफी की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि आखिर छह साल में भाजपा सरकार ने बैंकिंग सुधार के लिए क्या किया। केवल गोपनीयता के नाम पर कर्जमाफी में साजिश की गई। कांग्रेस ने माफ करने वाले कर्जदारों का नाम सार्वजनिक करने की मांग की है।  

शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि लगातार आर्थिक मुद्दों को उठाने के बावजूद सरकार नींद से नहीं जागी और जब भी भाजपा सरकार से बैंकिंग अव्यवस्था पर प्रश्न किया जाता है तो उनका सिर्फ एक ही जवाब होता है कि यह यह पिछली सरकार का दोष है। अगर सब पिछली सरकार ने किया तो छह साल में भाजपा ने क्या किया।

बैंकिग अव्यवस्था देश को कर रही है प्रभावित

Advertisement

उन्होंने हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बैंकिंग की समस्या देश को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। जब तक बैंक प्रणाली नहीं सुधरेगी, तब तक भारत की आर्थिक बदहाली ठीक होना नामुमकिन है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 2014 से जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है, 7 लाख 77 हजार करोड़ रुपये की कर्जामाफी की गई है, ये ज्यादातर बड़े उद्योगपति, बड़े पूंजीपतियों के लिए किया गया है। ‘राइट ऑफ’ एक ऐसी विधि होती है, या जिस तरह से वो अपनी बैलेंस शीट में रखते हैं, ये बैलेंस शीट को साफ करने का एक उपकरण है। अब वसूली करना मुश्किल हो रहा है क्योंकि आर्थिक मंदी गहरा गई है। लेकिन ये ‘राइट ऑफ’ किसानों के लिए रिटेल में आपके औऱ हमारे लिए नहीं हो रहा है।

कर्जमाफी वालों का नाम सार्वजनिक किया जाए

कांग्रेस का कहना है कि हमारी मांग है कि जिन कर्जदारों का ऋण माफ किया गया है उन सबका नाम सार्वजनिक किया जाए। दूसरा एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए जो ये देखे कि किस प्रक्रिया से और किस तीव्रता से ये कर्ज माफी हो रही है, किस प्रक्रिया से ‘राइट ऑफ’ हो रहा है। तीसरी ये समिति वित्तीय व्यवहारिता और क्षमता को पूरी तरीके से आंके, उसका आंकलन करे क्योंकि बैंको को सुधारने से पहले कोई इकॉनमिक रिकवरी नहीं हो सकती है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 22 February, 2020
Advertisement