'आप' नेता आतिशी के "खुलासे" ने मचाई हलचल! तो ये है शराब घोटाले की सच्चाई?
आप नेता और कैबिनेट मंत्री आतिशी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले को लेकर चल रहे घमासान के बीच रविवार को एक बड़े खुलासे का दावा किया था। अब आतिशी ने ट्विटर पर लगातार एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपनी बातें सामने रखी हैं, जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर यह मामला और तूल पकड़ने लगा है।
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच इस मामले को लेकर लड़ाई चल रही है। बता दें कि इस मामले में ईडी और सीबीआई जांच भी कर रही हैं। ऐसे में अब रविवार को आप नेता आतिशी ने इस मामले के कई राज से पर्दा उठाने का दावा किया था।
आतिशी ने दावे के अनुसार अब अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कुछ जानकारी साझा की हैं। उन्होंने लिखा, "आइए, आपको बताती हूँ कि भाजपा जिस शराब घोटाले के बारे मे इतने महीनों से चीखते-चिल्लाते हुए, प्रेस वार्ता करके ढिंढोरा पीट रही थी। जिस तथाकथित शराब घोटाले पर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय चार्जशीट दाखिल कर रही है, उसकी सच्चाई क्या है। "
कैबिनेट मंत्री ने आगे लिखा, "ये मैं नहीं कह रही, यह कल राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा है। शराब घोटाले पर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो का पहला आरोप, घोटाले में 100 करोड़ की रिश्वत आई और आम आदमी पार्टी ने इसे गोवा चुनाव में खर्च किया। कल राउज एवेन्यू कोर्ट ने 85 पेज के ऑर्डर में दो आरोपियो को ज़मानत दी। और साफ़ कहा कि प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के पास 100 करोड़ तो छोड़िए, 1 रुपये के घोटाले का सबूत तक नहीं है।"
इसके बाद आतिशी का ट्वीट था, "कोर्ट के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने शराब घोटाले को लेकर एक भी ठोस सबूत पेश नहीं किए! सिर्फ़ कुछ लोगों के उल्टे सीधे बयान के दम पर कोई घोटाला साबित नहीं होता। ना कैश। ना मनी ट्रेल। ना कोई काग़ज़ात। अब भाजपा ही बताए ये कैसा जादुई घोटाला है?"
"जब केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-प्रवर्तन निदेशालय को 100 करोड़ के घोटाले का सबूत नहीं मिला, तो आरोप पलट कर कहते हैं कि 30 करोड़ का घोटाला है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-प्रवर्तन निदेशालय का नया आरोप: राजेश जोशी ने पर्चियों के माध्यम से पैसे गोवा भेजे, कोर्ट-पर्चियाँ न पेपर न डिजिटल फॉर्म में किसी आरोपी या गवाह के पास मिली है। यानि इसका भी कोई सबूत नहीं है।"
"केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के साथ गोवा में काम करने वाले हर वेंडर पर छापा मारा। सैकड़ों अफ़सर महीनों तक लगे रहे। पूरी मेहनत-मशक्क़त करके, पता चला कि पूरे गोवा चुनाव में "आप" ने सिर्फ़ 19 लाख रुपए कैश में खर्च किया। प्रवर्तन निदेशालय-केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने ही साबित कर दिया कि आम आदमी पार्टी देश की सबसे ईमानदार पार्टी है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-प्रवर्तन निदेशालय ने फिर कहा कि मनीष सिसोदिया जी ने शराब घोटाले के सबूत मिटाने के लिए 14 फ़ोन तोड़ दिये।"
"हकीकत: इसमें से सात फ़ोन केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-प्रवर्तन निदेशालय के पास हैं और सात अभी भी प्रयोग में हैं। अब भाजपा बताए- कहां है घोटाला? कहां है सबूत? क्या अब आपके प्रवक्ता पूरे देश से आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए माफ़ी माँगेंगे? पूरी छानबीन से इतना साबित हो गया है कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-प्रवर्तन निदेशालय ने चौथी पास राजा के दबाव में आकर, गवाहों को मार-पीटकर, उनपर दबाव डालकर झूठे बयान लिए। तभी तथाकथित शराब घोटाले के तीन प्रमुख गवाहों ने अपने बयान वापिस ले लिए, ये कहकर कि उनसे मारपीट हुई, उनपर दबाव बनाया गया।"
"आख़िर में जब इनके पास कोर्ट में दिखाने के लिए कुछ नहीं बचा, तो इन्होंने बिना सोचे समझे, बिना सबूत संजय सिंह जी का नाम भी घोटाले की चार्जशीट में डाल दिया! फिर अपनी पोल खुलने पर संजय जी से माफी माँगने लगे। चौथी पास राजा के दबाव में पूरे देश के सामने इनके अफसरों का मखौल बन गया है।"
"सभी तथ्यों में बार बार एक ही चीज़ सामने आती है - भारतीय झूठ पार्टी ने एक मनमाफिक घोटाला तैयार किया और बिना किसी सबूत के मनीष सिसोदिया जी को जेल में डाल दिया। यही तथाकथित शराब घोटाले की सच्चाई है।" इस बात से हर कोई भली भांति परिचित है कि हाल के दिनों में इस मामले ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ऐसे में आतिशी ने कथित रूप से "बड़ा खुलासा" करते हुए यह ट्वीट किए हैं।