कोर्ट के निर्देशों के बाद भी दिल्ली में कट रहे पेड़, गुमराह कर रही मोदी सरकार: आप
दक्षिणी दिल्ली में पेड़ों की कटाई को लेकर चल रहे विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि अदालत के निर्देशों के बावजूद पेड़ काटे जा रहे हैं।
आवासीय परियोजना के लिए दक्षिणी दिल्ली के सरोजनी नगर, नैरोजी नगर, नेताजी नगर, त्यागराज नगर, मोहम्मदपुर और कस्तूरबा नगर में 17,000 पेड़ों को काटे जाने को लेकर विवाद चल रहा है। भारी विरोध और अदालत में दायर याचिका के बाद हाईकोर्ट ने इन्हें काटने पर फिलहाल रोक लगा दी है। इस मामले पर 4 जुलाई को सुनवाई होनी है।
बुधवार को आप नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांन्फ्रेंस कर केन्द्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि कोर्ट के निर्देशों के बाद भी पेड़ कट रहे हैं लेकिन पुलिस ने इस पर एफआईआर भी नहीं की है। उन्होंने कहा, “जैसे हाई कोर्ट में केंद्र सरकार मौन रही, वैसे ही एनजीटी की सुनवाई में भी मौन रहेगी, यह एक गहरा षड्यंत्र है।”
‘मोदी जी और उनके मंत्री कर रहे देश को गुमराह’
आप नेता ने कहा कि "इस पुनर्विकास परियोजना में सभी मूल नियमों को अनदेखा किया गया है, यह प्रोजेक्ट बंद किया जाना चाहिए, पुनर्विचार किया जाना चाहिये।
उन्होंने कहा, "नियमानुसार ऐसे बड़े स्तर पर पेड़ काटने के लिए जन सुनवाई करनी होती है, जो कि हुई ही नहीं और मनगढ़ंत तारीख पर जन सुनवाई दिखा कर मोदी जी और उनके मंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं।"
‘व्यावसायिक परियोजना को आवासीय परियोजना बता रही केंद्र सरकार’
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट में 86000 गाड़ी पार्क करने की व्यवस्था की जा रही है, जिसकी मंजूरी दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने दी, जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि एनबीसीसी वाले प्रोजेक्ट में एक बहुत बड़ा हिस्सा व्यावसायिक इस्तेमाल में लाया जाने वाला है। व्यावसायिक परियोजना को आवासीय परियोजना बता कर केंद्र सरकार गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री हर्षवर्धन जी ने सीधे सरोजनी नगर के11000 पेड़ों के पोस्टमॉर्टेम पर दस्तखत किये हैं।"
आप का चिपको आंदोलन
इस मसले पर राजनीति भी तेज है। आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध कर रही है। ‘आप’ ने रविवार को 'चिपको आंदोलन' जैसा आंदोलन चलाया। साथ ही, सरोजिनी नगर इलाके में सैकड़ों लोगों ने भी इसमें भाग लिया।
आम आदमी पार्टी के विधायक और राज्य सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा, पेड़ काटकर वीआईपी लोगों के लिए निवास बनाना कहां तक जायज़ है, दिल्ली की हवा पहले से ही दूषित है उस पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय का यह तुगलकी फरमान दिल्ली के लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है।
इससे पहले ‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा था कि "केंद्र सरकार दिल्ली में 17000 पेड़ काट रही है। क्या हम लोग ऐसा होने देंगे? क्या पेड़ कटने का विरोध नहीं करेंगे?” आप ने इस संबंध में प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि "आम आदमी पार्टी इन 17000 में से एक भी पेड़ नहीं काटने देगी, यदि पेड़ काटने जरूरी ही हैं तो फिर मोदी जी की सरकार इस प्रोजेक्ट को कहीं और ले जाए।" आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, "हरदीप पुरी जी ट्वीट करके कहते हैं कि हम एक पेड़ के बदले 10 पेड़ लगाएंगे। पर उनमें से कितने पौधे बचेंगे और जो बच भी गए वो 40 साल बाद पेड़ बनेंगे?
क्यों काटे जाएंगे पेड़?
केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक, दक्षिण दिल्ली के सात स्थानों पर पुनर्विकास के प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटे जाएंगे। केंद्र सरकार ने सरकारी अधिकारियों और नेताओं के लिए आवास बनाने की योजना बनाई है। इसे ‘रीडेवलपमेंट’ का नाम दिया गया है। दिल्ली के इन सात जगहों में नेताजी नगर, सरोजनी नगर, नैरोजी नगर, कस्तूरबा नगर, मुहम्मदपुर, श्रीनिवासपुरी और त्यागराज नगर शामिल है। इस काम को एनबीसीसी और सीपीडब्ल्यूडी कर रही है।