सरकार से कई मुद्दों पर असहमत लेकिन कश्मीर में दखल को लेकर पाक के लिए कोई जगह नहीं: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है और राज्य में हिंसा पाकिस्तान द्वारा भड़काई गई है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह कई मुद्दों पर सरकार से असहमत हैं लेकिन उन्होंने साफ किया कि पाकिस्तान या किसी अन्य विदेशी देश के हस्तक्षेप के लिए यहां कोई जगह नहीं है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "मैं कई मुद्दों पर सरकार से असहमत हूं, लेकिन यह साफ कर देना चाहता हूं कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें पाकिस्तान या फिर किसी अन्य देश को दखल देने नहीं दिया जाएगा।"
पाकिस्तान को आतंकवाद का "प्रमुख समर्थक" करार देते हुए गांधी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में हिंसा को पाकिस्तान द्वारा भड़काया गया है।
उन्होंने ट्वीट किया, “जम्मू-कश्मीर में हिंसा हुई है। हिंसा इसलिए है क्योंकि यह पाकिस्तान द्वारा उकसाया और समर्थित है, जिसे दुनिया भर में आतंकवाद का प्रमुख समर्थक माना जाता है।”
राहुल गांधी का बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान ने कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने प्रस्ताव में राहुल गांधी के बयान का जिक्र किया है। इस पर कांग्रेस ने भी सफाई जारी की है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला ने कहा कि पाकिस्तान ने राहुल गांधी के नाम का गलत उपयोग किया, ताकि वह अपने झूठ को सही ठहरा सके।
रणदीप सुरेजवाला ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से राहुल गांधी के बारे में गलत सूचना दी गई है। दुनिया में किसी को संदेह नहीं है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और हमेशा बने रहेंगे। पाकिस्तान की शैतानी से यह सच नहीं बदलेगा।
थरूर ने भी किया समर्थन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी गांधी के बयान का समर्थन किया। थरूर ने ट्वीट किया, “जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है; हमने उस तरीके का विरोध किया जिस तरह अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था क्योंकि जिस तरह से यह किया गया था उससे हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ था। पाक के लिए हमारे रुख से कोई सुकून पाने का कोई कारण नहीं है।”
वैश्विक स्तर पर उठाने का प्रयास कर रहा पाक
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को वैश्विक स्तर पर उठाने की प्रयास कर रहा है। हालांकि उसकी कोशिश को कोई विशेष सफलता नहीं मिली है। पाकिस्तान लगातार वहां के मानवाधिकारों को लेकर सवाल उठा रहा है और कई देशों से अपील कर रहा है कि वह कश्मीर मुद्दे पर भारत सरकार के निर्णय की निंदा करे।