जम्मू-कश्मीर में फिर बनेगी सरकार, कांग्रेस-एनसी और पीडीपी मिला सकते हैं हाथ
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन पूरी होने की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, सरकार बनाने को लेकर कोशिशें तेज हो गई हैं। सज्जाद लोन और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गठजोड़ की अटकलों के बीच अब कांग्रेस, पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के पाले में गेंद पहुंच गई है। तीनों दलों के बीच कश्मीर में सरकार बनाने पर बातचीत चल रही है।
एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को बताया कि एक सुझाव के तौर पर इस दिशा में बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, 'पार्टियों (पीडीपी, एनसी, कांग्रेस) का ये कहना था कि क्यों न हम इकट्ठा हो जाएं और सरकार बनाएं। अभी सरकार बनाने वाली स्टेज नहीं है, एक सुझाव के तौर पर बातचीत चल रही है।'
पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी ने कहा, 'मेरे नेतृत्व ने यह कंफर्म किया है कि तीन पार्टियां (कांग्रेस, पीडीपी, एनसी) कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को बचाने के लिए गठबंधन के लिए तैयार हो गई हैं। जल्द ही आपको अच्छी खबर मिलेगी।'
दिल्ली पहुंचेंगे कश्मीर के नेता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस के कुछ नेता अगले दो दिनों के अंदर कश्मीर से दिल्ली आ रहे हैं। इनमें से एक नेता ने आजतक को बताया कि ये मीटिंग 23 नवंबर को है। हालांकि, मीटिंग का आधिकारिक एजेंडा स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव के प्रदर्शन को बताया गया है।
इस मीटिंग में क्या गठबंधन के मसले पर भी चर्चा होगी। इसे लेकर कोई भी नेता कुछ कहने को तैयार नहीं है लेकिन जिन सियासी हालातों के बीच यह मीटिंग होने जा रही है, उसके राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।
क्या हैं विधानसभा के समीकरण
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 89 सीटे हैं, जिनमें से दो सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। ऐसी स्थिति में सरकार बनाने के लिए 44 विधायकों की जरूरत होती है। मौजूदा स्थिति में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पास 28, बीजेपी के 25 और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 सीटे हैं यानी अगर पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस एक साथ आते हैं तो आंकड़ा 55 तक पहुंच रहा है और आसानी से सरकार का गठन किया जा सकता है।