विरोध जताने के लिए बहस करो, तोड़फोड़ नहीं: जेटली
शिवसेना द्वारा मुम्बई में सुधींद्र कुलकर्णी के मुंह पर कालिख पोतने और बीसीसीआई के मुख्यालय में हंगामे जैसी घटनाओं की पृष्ठभूमि में जेटली ने कहा, सही दिशा में सोचने वाले सभी वर्गों को एेसे तरीकों से दूरी बनानी चाहिए। विरोध दर्ज कराने के लिए शिवसेना की ओर से अपनाये गए तरीकों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि समान सभ्य आचरण के मापदंड सभी पर लागू होते हैं।
भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा संवेदनशील मुद्दों पर अनाप-शनाप बयानबाजी को भी जेटली ने गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने एेसे लोगों की कड़ी खिंचाई की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस बारे में अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं। एेसे रास्ते अपनाने वालों को भी आत्मचिंतन करना चाहिए कि क्या इससे वे लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं या वे वास्तव में एक देश के रूप में दुनिया के सामने भारत की विश्वसनीयता घटा रहे हैं। जेटली के मुताबिक, भारत जैसे बड़े देश में एेसा संभव है कि कई विषयों पर लोगों के विचार अलग-अलग हों।
जेटली ने अपने कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, लेकिन हमारे यहां विभिन्न विचारों को व्यक्त करने के लिए सभ्य परंपरा है। और एेसा इसलिए भी है कि क्योंकि इनमें से कुछ मुद्दे काफी गंभीर होते हैं। कुछ एेसे मुद्दे हैं जो हमारे पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंधों को चोट पहुंचा सकते हैं और इसलिए इन मुद्दों पर चर्चा करने और अपनी बात रखने का एक उपयुक्त सभ्य तरीका होना चाहिए। जेटली के अनुसार, वह महसूस करते हैं कि तोड़फोड़ का सहारा लेने वाले लोगों की कड़ी आलोचना की जानी चाहिए।