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27 August 2024

आबकारी नीति मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों से अपराध में कविता की संलिप्तता का सबूत दिखाने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से सवाल किया कि उनके पास यह साबित करने के लिए क्या ‘‘सामग्री’’ है कि बीआरएस नेता के. कविता कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में शामिल थीं।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ इस कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में जमानत देने का अनुरोध करने वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इन मामलों की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है।

कविता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने यह कहते हुए जमानत देने का अनुरोध किया कि उनकी मुवक्किल के खिलाफ दोनों एजेंसियों की जांच पूरी हो गयी है। उन्होंने दोनों मामलों में सह आरोपी एवं आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का भी हवाला दिया।

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जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने दावा किया कि कविता ने अपना मोबाइल फोन ‘फॉर्मेट’/नष्ट किया था तथा उनका आचरण सबूतों से छेड़छाड़ करने वाला था। रोहतगी ने इस आरोप को ‘‘फर्जी’’ बताया।

उच्चतम न्यायालय ने दोनों मामलों में कविता की जमानत अर्जियों पर 12 अगस्त को सीबीआई और ईडी से जवाब मांगा था। कविता ने इन मामलों में उन्हें जमानत दिए जाने से इनकार करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के एक जुलाई के आदेश को चुनौती दी है।

उच्च न्यायालय ने दोनों मामलों में कविता की जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए कहा था कि वह प्रथम दृष्टया दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 (जो अब रद्द की जा चुकी है) को तैयार करने और लागू करने से संबंधित आपराधिक साजिश में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं।

ईडी ने कविता (46) को 15 मार्च को हैदराबाद में उनके बंजारा हिल्स स्थित घर से गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में 11 अप्रैल को उन्हें गिरफ्तार किया था। कविता इन आरोपों को लगातार खारिज कर रही हैं।

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TAGS: Excise policy case, Supreme Court, Investigating agencies, Kavita's involvement in crime
OUTLOOK 27 August, 2024
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