'विफल' यूपी सरकार ने जनकल्याण की बजाय इवेंट मैनेजमेंट पर ज्यादा ध्यान दिया: यूपी में बाढ़ पर अखिलेश
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में बाढ़ की बिगड़ती स्थिति को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला और कहा कि 'भ्रष्ट और विफल' सरकार जन कल्याण की बजाय इवेंट मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान दे रही है।
एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राज्य सरकार "सुपर वीवीआईपी" रैलियां आयोजित कर सकती है, तो वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव अभियान चलाने में विफल क्यों रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रविवार तक उत्तर प्रदेश में बाढ़ से 37 तहसीलों के 402 गांव प्रभावित हुए हैं, जिससे 84,392 लोग प्रभावित हुए हैं।
17 जिले -कानपुर नगर,लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फ़तेहपुर पर असर पड़ा है।
यादव ने कहा, "बाढ़ के कारण न केवल प्रयागराज में बल्कि पूरे राज्य में भयावह स्थिति है। लोगों को भोजन और पेयजल की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। स्वच्छता व्यवस्था चरमरा गई है, जिससे कई लोग अमानवीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर हैं।"
उन्होंने दावा किया कि चिकित्सा सेवाएं ध्वस्त होने के कारण बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच पाने में असमर्थ हैं। यादव ने कहा, "लोग चूहों, जहरीले कीड़ों और बिजली के झटके के खतरे से डरे हुए हैं। घर ढह रहे हैं, लोगों का सामान बह गया है और लोगों के पास पहनने के लिए कपड़े नहीं बचे हैं।"
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन जमीन से गायब है, जबकि "भ्रष्ट और विफल" सरकार "आत्म-प्रचार और फोटो खिंचवाने में व्यस्त है।"
उन्होंने कहा, "लोगों के पहचान पत्र, राशन कार्ड, ज़मीन के कागज़ात, बैंक दस्तावेज़, मेडिकल पर्चे और शैक्षिक प्रमाण पत्र या तो बह गए हैं या नष्ट हो गए हैं। वाहन डूब गए हैं और आजीविका छिन गई है।"
यादव ने जल जनित बीमारियों, बच्चों की शिक्षा में व्यवधान और अंतिम संस्कार न कर पाने की समस्या पर भी चिंता व्यक्त की।
सोमवार सुबह वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे घाट जलमग्न हो गए और अधिकारियों को दाह संस्कार तथा अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को छतों और ऊंचे मंचों पर स्थानांतरित करना पड़ा।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, सोमवार सुबह तक गंगा नदी 72.1 मीटर पर बह रही थी, जो खतरे के स्तर 71.262 मीटर से ऊपर थी।
सपा प्रमुख ने कहा कि जनता भय और अनिश्चितता में जी रही है और उन्होंने भाजपा सरकार से बिंदुवार जवाब मांगा। उन्होंने कहा, "तबाही की तस्वीरें विकास और स्मार्ट सिटी के खोखले दावों की पोल खोलती हैं। लोग गुस्से में हैं। राहत तभी मिलेगी जब भाजपा जाएगी।"