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03 January 2021

किसान आंदोलन चंपारण सत्याग्रह की तरह, हर किसान-श्रमिक अपना अधिकार लेकर रहेगा: राहुल गांधी

File Photo

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की तुलना अंग्रेजों के शासन में हुए चंपारण आंदोलन से की और कहा कि आंदोलन में भाग ले रहा हरेक किसान एवं श्रमिक सत्याग्रही है, जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा। गांधी ने ट्वीट किया, "देश एक बार फिर चंपारण जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है। तब अंग्रेज ‘कम्पनी बहादुर’ था, अब मोदी-मित्र ‘कम्पनी बहादुर’ हैं।"

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आंदोलन में भाग ले रहा हर एक किसान-मजदूर सत्याग्रही है जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा। महात्मा गांधी ने 1917 में चंपारण सत्याग्रह का नेतृत्व किया था और इसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक आंदोलन माना जाता है। तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रही कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इससे खेती और किसानों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

किसानों ने ब्रिटिश शासनकाल में नील की खेती करने संबंधी आदेश और इसके लिए कम भुगतान के विरोध में बिहार के चंपारण में यह आंदोलन किया था। उल्लेखनीय है कि गत बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता के बाद सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच बिजली के दामों में बढ़ोतरी एवं पराली जलाने पर जुर्माने के मुद्दों पर सहमति बनी थी, लेकिन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी को लेकर गतिरोध बना हुआ है। हजारों किसान कड़ाके की ठंड के बावजूद एक महीने से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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TAGS: Farmer Movement, Champaran Satyagraha, Rahul Gandhi
OUTLOOK 03 January, 2021
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