किसान आंदोलन के एक साल/ प्रियंका का केंद्र पर हमला, बोलीं- "ये मोदी सरकार के अहंकार और अत्याचार के लिए जाना जाएगा"
नए कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन को आज 26 नवंबर को पूरे एक वर्ष हो गए हैं। एक साल में किसान आंदोलन ने कई उतार-चढ़ाव देखें हैं। केंद्र के विरोध में किसान से लेकर विपक्षी पार्टियों ने पीएम मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है। बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को इस कानून को वापस लेने का फैसला ले लिया है। लेकिन इसके बावजूद भी आंदोलन के तेवर में कोई नरमी नहीं दिखाई दे रही है। किसान नेता राकेश टिकैत की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाया जाए।
इस बीच आंदोलन के एक वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि ये सत्याग्रह भाजपा सरकार की 'अंहकार और अत्याचार' के लिए जाना जाएगा। शुक्रवार को उन्होंने ट्वीट किया, "किसान आंदोलन का एक साल। किसानों के अडिग सत्याग्रह, 700 किसानों की शहादत और निर्मम भाजपा सरकार के अहंकार व अन्नदाताओं पर अत्याचार के लिए जाना जाएगा। लेकिन भारत में किसान की जय-जयकार हमेशा थी, है और रहेगी। किसानों के संघर्ष की जीत इसका प्रमाण है।"
किसान संगठनों का दावा है कि एक वर्ष में अब तक 600 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान इन कानूनों के खिलाफ डेरा जमाए बैठे हुए हैं। पिछले साल ठंड में दर्जनों किसान की मौत हुई थी। वहीं, हाल में लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान भी किसानों की मौत गाड़ी के कुचलने से हुई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों की भीड़ को गाड़ी से रौंदा था। फिलहाल मामले में जांच जारी है और सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है।
ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस और प्रियंका गांधी पीएम मोदी पर हमलावर हो रही हैं। बीते शनिवार को कृषि क़ानूनी के वापस होने पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार के नाकामियों को उठाते हुए 'किसान विजय दिवस' मनाया था और इसमें कांग्रेस को अन्य विपक्षी दलों का भी साथ मिला था।