सीबीआई विवादः सुप्रीम कोर्ट पहुंचे खड़गे, कहा- आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजना असंवैधानिक
सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने सरकार के कदम को असंवैधानिक और अधिकार क्षेत्र से बाहर का करार दिया है।
खड़गे ने याचिका में आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि न तो सीवीसी और न ही सरकार को अधिकार है कि वो सीबीआई डायरेक्टर को हटा सके। नियमों के मुताबिक, सीवीसी के पास सीबीआई निदेशक के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति नहीं है जिसे प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और विपक्ष के नेता की समिति नियुक्त करती है। दो साल से पहले बिना समिति में मामला लाए डायरेक्टर को न तो हटाया जा सकता है और न ही छुट्टी पर भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आलोक वर्मा को दो साल का कार्यकाल मिलना चाहिए। छुट्टी पर भेजना कानून का उल्लंघन है। सरकार का यह कदम मनमाना और अवैध है।
विपक्ष के आक्रमक तेवर
सीबीआई में छिड़े घमासान को लेकर विपक्षी दल भी मोदी सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस ने पिछले दिनों देशभर में सीबीआइ मुख्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। राहुल गांधी ने इस दौरान सांकेतिक गिरफ्तारी भी दी। इससे पहले कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाए थे कि आलोक वर्मा को इसलिए हटा दिया गया क्योंकि वो राफेल डील की जांच करना चाहते थे।
दो सप्ताह मेंं जाच पूरी करे सीवीसीः सुप्रीम कोर्ट
सीबीआई विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजते हुए कहा है कि सीवीसी आलोक वर्मा के खिलाफ दो हफ्तों में जांच पूरी करे। यह जांच रिटायर्ड जज की निगरानी में होगी। साथ ही कार्यकारी सीबीआई डायरेक्टर नागेश्वर रावको निर्देश देते हुए कहा कि वह इस दौरान कोई नीतिगत फैसला नहीं लें। अबतक जो फैसले लिए हैं, उसे सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।
सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने स्पेशल डायरेक्टर पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। आरोप-प्रत्यारोप की दोनों अफसरों की लड़ाई सार्वजनिक हो गई। मामला बढ़ता देख सरकार ने दोनों अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया।