किसी धर्म-जाति की भावनाओं को आहत करने वाली फिल्में नहीं बनानी चाहिए: दिग्विजय सिंह
फिल्म पद्मावत की रिलीज को लेकर एक तरफ करणी सेना जैसे संगठन विरोध पर अड़े हैं तो वहीं दूसरी ओर इस फिल्म का स्वागत भी किया जा रहा है। लेकिन सेंसर बोर्ड और सुप्रीम कोर्ट से फिल्म पद्मावत को हरी झंडी मिलने के बाद भी फिल्म का विरोध और इस पर टीका टिप्पणी समझ से परे है। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पद्मावत फिल्म पर बयान दिया है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी धर्म या जाति की भावनाओं को आहत करने वाली फिल्मों को नहीं बनाया जाना चाहिए।
Films which hurt sentiments of any religion or caste should not be made: Digvijaya Singh on #Padmaavat pic.twitter.com/NdhEXMVKxQ
— ANI (@ANI) January 25, 2018
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यह पुराने घावों को खोलता है, और यही कारण है कि इस तरह की फिल्मों को नहीं बनाया जाना चाहिए। इसका ऐतिहासिक महत्व क्या है? शून्य। वे कहते हैं कि इसका इतिहास के साथ कुछ लेना देना नहीं है, तो आप इसे क्यों बना रहे हैं? इसके अलावा, राहुल गांधी भी इस पर एक स्टैंड नहीं क्यों ले रहे हैं?
It opens old wounds, and that is why such films should not be made. what is the historical value of it? Zero. They say it has nothing to do with history, then why are you making it? Also, why is Rahul Gandhi not taking a stand on it?: Subramanian Swamy,BJP #Padmaavat pic.twitter.com/Hzczhf9aiT
— ANI (@ANI) January 25, 2018
पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को तोड़फोड़ की इजाजत नहीं देती तो जो विरोध कर रहे हैं उनके साथ बैठकर इसे सुलझाया जाए।