अगले सप्ताह भाजपा में शामिल होंगे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पंजाब लोक कांग्रेस का भी होगा विलय
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) के प्रमुख अमरिंदर सिंह अगले सप्ताह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे। पार्टी के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि सिंह अपनी नवगठित पार्टी का भाजपा में विलय भी करेंगे।
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब विधानसभा चुनाव- 2022 से ठीक पहले कांग्रेस से जुदा होकर नई पार्टी का गठन किया था।
पार्टी के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनौपचारिक रूप से बाहर निकलने के बाद कांग्रेस छोड़ने के बाद पिछले साल पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) का गठन किया था। सिंह (80) दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होंगे।
पीएलसी के प्रवक्ता प्रीतपाल सिंह बलियावाल ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को फोन पर बताया कि सात पूर्व विधायक और एक पूर्व सांसद, जो पीएलसी में शामिल हुए, सोमवार को सिंह का अनुसरण करने वालों में शामिल होंगे।
बलियावाल ने कहा कि पीएलसी के अन्य पदाधिकारी और जिलाध्यक्ष अगले सप्ताह चंडीगढ़ में एक अलग कार्यक्रम में भाजपा में शामिल होंगे।
रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद लंदन से हाल में लौटे अमरिंदर सिंह ने बीते पखवाड़े में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
सिंह ने 12 सितंबर को शाह के साथ अपनी मुलाकात के बाद कहा था कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, पंजाब में मादक पदार्थ-आतंकवाद के बढ़ते मामलों और राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए भविष्य की रूपरेखा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बहुत सार्थक चर्चा की।
भाजपा की पंजाब इकाई के नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने जुलाई में कहा था कि सिंह ने लंदन जाने से पहले भाजपा में अपनी पार्टी के विलय का इरादा जताया था। ग्रेवाल ने उस समय कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री लंदन से लौटने के बाद विलय की घोषणा करेंगे।
दो बार मुख्यमंत्री रह चुके सिंह पूर्ववर्ती पटियाला शाही परिवार के वंशज हैं। उन्होंने पिछले साल चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
पीएलसी ने भाजपा और सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, उसका एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया था और खुद सिंह को भी अपने गढ़ पटियाला शहरी सीट पर शिकस्त मिली थी।