जयराम रमेश ने ही खोला था अडानी का रास्ता
अडानी ने कहा कि रमेश बुनियादी रूप से गलत बात कर रहे हैं, क्योंकि वह माइन अडानी ग्रुप की नहीं, बल्कि राजस्थान सरकार की है और उनका ग्रुप इसमें महज माइनिंग कॉन्ट्रैक्टर था।
अंग्रेजी दैनिक इकोनोमिक्स टाइम्स के अनुसार अडानी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस के आरोपों का दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उनके बारे में जो बातें कहीं हैं उनमें तथ्यात्मक गलतियां हैं। अडानी ने आरोप लगाया है कि जयराम रमेश 'राजनीतिक सुविधा' के आधार पर दलील देते हैं।
अडानी ने आगे कहा, ' यह माइन राजस्थान सरकार की है, यह सब तब हुआ, जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार थी। इस माइन के लिए मंजूरी खुद जयराम रमेश ने दी थी। अडानी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी इंडस्ट्री के बीच सांठगांठ साबित करने की कांग्रेस की कोशिश पहले भी विफल हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि गुजरात में अडानी ग्रुप का एक प्रोजेक्ट पर्यावरण नियमों का कथित उल्लंघन करते हुए लगाया गया। 200 करोड़ रुपये का जुर्माना नहीं चुकाया गया। छत्तीसगढ़ में एक माइनिंग प्रोजेक्ट में ग्रुप का खास ख्याल रखा गया। इस पर अडानी ने कहा कि यूपीए सरकार की ओर से बनाई गई कमेेटी ने जिस जुर्माने की सिफारिश की थी, उसका कोई कानूनी आधार ही नहीं है। अडानी ने कहा कि न तो पिछली और न ही मौजूदा सरकार जुर्माने के आदेश को असल में लागू कर सकती है।
अडानी ने कहा कि अगर पिछली सरकार इतनी ही तैयार थी और आरोप अगर सही थे, तो उन्होंने 9 महीनों से ज्यादा तक इंतजार क्यों किया? एनडीए सरकार ने मामले की जांच में सालभर लगाया। उन्होंने जल्दबाजी नहीं की। इसका मतलब ये लोग अडानी का पक्ष नहीं ले रहे हैं'। सही प्रक्रिया अपना रहे हैं।