कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं राज्यपाल; शाह से मिला भाजपा प्रतिनिधिमंडल
कर्नाटक भाजपा के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं। प्रवक्ता का कहना है कि बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करने या अस्वीकार करने में ज्यादा समय लगता है तब राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं। इस बीच, कर्नाटक के भाजपा नेता जगदीश शेट्टार, बसवराज बोम्मई और अरविंद लिंबावली समेत कर्नाटक भाजपा के कई नेताओं ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। जगदीश शेट्टार ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक हालात पर हमारी अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात हुई। इसे लेकर फिर दोपहर तीन बजे मुलाकात होगी। उसके बाद संसदीय बोर्ड की बैठक में आखिरी फैसला होगा।
भाजपा के राज्य प्रवक्ता जी मधुसूदन ने कहा, "अगर स्पीकर को बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करने या अस्वीकार करने में अधिक समय लगता है, तो राज्यपाल (वजुभाई वाला) राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं, क्योंकि हम ऐसी स्थिति में सत्ता में दावा करना नहीं चाहेंगे।"
हालांकि यह भी माना जा रहा है कि भाजपा के विधायक पार्टी मुख्यालय पर भाजपा के विधायक दल के नेता के रूप में सर्वसम्मति से येदियुरप्पा को चुनने वाले हैं। इसके बाद वे राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। हालांकि, अमित शाह और जेपी नड्डा के निर्णय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
बता दें कि विधानसभा में विश्वासमत हारने के बाद मंगलवार को कांग्रेस-जद (एस) की 14 माह पुरानी सरकार गिर गई। इसके बाद मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने इस्तीफा दे दिया। विधानसभा में शक्ति परीक्षण में कुमारस्वामी को भाजपा के 105 मतों के मुकाबले 99 वोट ही मिले।
सरकार बनाने में जल्दबाजी नहीं
एच डी कुमारस्वामी की सरकार गिरने के एक दिन बाद, भाजपा ने अगली सरकार बनाने का दावा पेश करने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई क्योंकि कांग्रेस और जदएस के बागी विधायकों के इस्तीफे और उनकी अयोग्यता की मांग वाली याचिकाएं विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार के समक्ष विचाराधीन होने के बीच संख्या बल का खेल अभी समाप्त होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का इंतजार
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि वह राज्य में वैकल्पिक सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। येदियुरप्पा ने यहां अपने प्रदेश मुख्यालय ''केशव कृपा'' में आरएसएस नेताओं से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, ''मैं दिल्ली से निर्देशों का इंतजार कर रहा हूं। मैं किसी भी समय विधायक दल की बैठक बुला सकता हूं और (दावा पेश करने के लिए) राजभवन जा सकता हूं। मैं इसके लिए इंतजार कर रहा हूं।''
येदियुरप्पा को सरकार बनाने हेतु हरी झंडी दिखाने के लिए नई दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक बुधवार को नहीं हुई और न ही राज्य के पार्टी नेताओं की विधायक दल की बैठक हुई। वरिष्ठ भाजपा विधायक जेसी मधुस्वामी ने कहा, ''पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पर्यवेक्षक की मौजूदगी में नेता का चुनाव करने के लिए विधायक दल की बैठक बुलाने के वास्ते हमें निर्देश देना होगा।'' उन्होंने कहा, ''चूंकि हम राष्ट्रीय पार्टी हैं, तो चीजें लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए, इसलिए हम उनके निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा जाएगा।''
इस्तीफों पर स्पीकर के फैसले का इंतजार
भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी का नेतृत्व वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने से पहले कांग्रेस, जदएस के बागी विधायकों के इस्तीफों और उन्हें अयोग्य ठहराने की याचिकाओं पर स्पीकर के फैसले का इंतजार कर रहा है।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने पीटीआई से कहा, ''पार्टी नेतृत्व से अभी कोई संकेत नहीं मिले हैं। मीडिया में सिर्फ अटकलें चल रही हैं। संभावना है कि भविष्य में किसी शर्मिंदगी से बचने के लिए पार्टी नेतृत्व बागी विधायकों के इस्तीफों पर स्पीकर के फैसले का इंतजार कर रहा हो।'' कांग्रेस और जदएस के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं हुए हैं और इन विधायकों ने राज्य विधानसभा से उनकी अयोग्यता की मांग वाली याचिका के संबंध में स्पीकर के सामने पेश होने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा है।
मैं कानून के अनुसार फैसला करूंगा: स्पीकर
संवाददाताओं से बात करते हुए रमेश कुमार ने कहा कि अयोग्यता की मांग वाली याचिका के संबंध में कार्यवाही चल रही है। उन्होंने कहा, ''मैं कानून के अनुसार फैसला करूंगा। केवल संविधान और कानून का पालन करूंगा।'' उन्होंने कहा, ''वकील आए थे और उन्हें अपने मुवक्किल (विधायक) की तरफ से जो कहना था वे कह चुके हैं। मैंने उन्हें सुना है। मैं कानून के अनुसार फैसला करूंगा। कांग्रेस और जदएस ने बागी विधायकों कों दलविरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया है।
उधर, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार के अपने आदेश में विधानसभा अध्यक्ष को 15 विधायकों के इस्तीफे पर अपने अनुसार उचित समयसीमा में फैसला करने की आजादी दी ।
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन का भविष्य
इस बीच, राज्य की गठबंधन सरकार गिरने के एक दिन बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि दोनों दलों में इसे लेकर अभी बातचीत होनी है। कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखने के सवाल पर कुमारस्वामी ने कहा, ''देखते हैं...मुझे नहीं पता। भविष्य को लेकर मुझे कांग्रेस नेताओं का रुख पता नहीं है.... हमने अभी तक कोई चर्चा नहीं की है। उधर, कांग्रेसी नेताओं ने भी बुधवार को बैठक की जिसमें केपीसीसी प्रमुख दिनेश गुंडू राव, विधायक दल नेता सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। राव ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में नेताओं ने बागी विधायकों के बारे में चर्चा की और भविष्य में पार्टी को संगठित करने के बारे में बात की।
एजेंसी इनपुट