गुजरात विश्वविद्यालय का दावा, एमए पास हैं पीएम मोदी
गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति एम एन पटेल ने रविवार को पीएम मोदी की एमए की डिग्री साझा करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के बाहरी छात्र के तौर पर नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने 1983 में राजनीति विज्ञान में एमए की परीक्षा 62.3 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। उन्हें परिक्षा में 800 में से 499 अंक हासिल हुए थे। केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया गया था कि डिग्री से संबंधित सूचना वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुहैया कराएं जिन्होंने हाल में सीआईसी की पारदर्शिता को लेकर आलोचना की थी।
कुलपति पटेल ने कहा कि उन्हें अभी तक सीआईसी का आदेश नहीं मिला है लेकिन उन्हें मीडिया से इस बारे में पता चला और आदेश प्राप्त होने पर वह संबंधित आवेदकों को ब्यौरा सौंपेंगे। पटेल ने कहा, कई आरटीआई आवेदन के माध्यम से मोदी की डिग्री के बारे में ब्यौरा मांगा गया था लेकिन तकनीकी आधार पर आटीआई कानून के तहत हम इसे साझा करने की स्थिति में नहीं थे। पटेल ने कहा, अंक का ब्यौरा केवल उम्मीदवार को मुहैया कराया जा सकता है और हम विश्वविद्यालय के 20 वर्षों से ज्यादा के रिकॉर्ड मुहैया नहीं कराते। पटेल ने ब्यौरा देते हुए कहा, मोदी ने बाहरी छात्र के तौर पर एमए किया। उन्हें एमए प्रथम वर्ष में 400 अंक में 237 अंक हासिल हुए, एमए द्वितीय वर्ष में 400 में से 262 अंक हासिल हुए।
केजरीवाल के पत्र पर कार्रवाई करते हुए सीआईसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय से कहा था कि नरेंद्र दामोदरदास मोदी के नाम से 1978 में डीयू से स्नातक और 1983 में जीयू से एमए की डिग्री को खोजें और आवेदक केजरीवाल को यथाशीघ्र मुहैया कराएं। दिल्ली के मुख्यमंत्री के फोटो पहचान पत्र के बारे में सूचना मांगने के नीरज पांडेय से जुड़े मामले में मुख्य सूचना आयुक्त ने केजरीवाल से जवाब मांगा कि एक विधायक के तौर पर क्यों नहीं उन्हें आरटीआई कानून के तहत सार्वजनिक अधिकारी बनाया जाए और क्यों नहीं उनकी पार्टी को भी कानून के दायरे में लाया जाए। सूचना आयुक्त ने कहा था कि केजरीवाल ने अपने जवाब में अपने बारे में सूचना सार्वजनिक करने पर आपत्ति नहीं जताई लेकिन हंसराज जैन मामले का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता पर सूचना की मांग उठाई। केजरीवाल के पत्र के बाद सीआईसी ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को आदेश दिया था कि पीएम की शैक्षणिक योग्यता का खुलासा करें।